असम सरकार असमिया मुस्लिमों का कराएगी सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन

असम सरकार ने कहा कि वह राज्य के स्वदेशी असमिया मुसलमानों का सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन करेगी। बता दें, यह फैसला मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। 

मुख्यमंत्री सरमा ने सोशल मीडिया पर बताया कि स्वदेशी असमिया मुसलमानों का सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन अल्पसंख्यक मामलों के निदेशालय और चार क्षेत्रों के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि चार क्षेत्र विकास निदेशालय का नाम बदलकर अल्पसंख्यक मामलों और चार क्षेत्र विकास निदेशालय किया जाएगा।

मंत्रिमंडल ने माघ बिहू के दौरान पारंपरिक भैंस और बैलों की लड़ाई की अनुमति के लिए एसओपी जारी करने की भी मंजूरी दे दी है। एसओपी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जानवरों पर जानबूझकर यातना या क्रूरता न की जाए। हर साल होने वाली भैंस की लड़ाई के दौरान आयोजकों द्वारा जानवरों का ध्यान रखा जाए। बता दें, ये सदियों पुरानी असमिया सांस्कृतिक परंपरा का एक हिस्सा है।

मंत्रिपरिषद ने राज्य भर में पुस्तकालयों के निर्माण के लिए 259 करोड़ रुपये मंजूर किए। बता दें, छात्रों में पढ़ने की ललक पैदा करने के लिए पूंजी निवेश 2023-24 के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना के तहत बच्चों और किशोरों के लिए पुस्तकालय और डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा।

इस योजना का उद्देश्य 2,197 ग्राम पंचायतों और 400 नगरपालिका वार्डों में नए पुस्तकालयों का निर्माण और इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ पुस्तकों, फर्नीचर, कंप्यूटरों की खरीद शुरू करना है।

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