बांग्लादेश के 11 नागरिक पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय सीमाओं के जरिए भारत में घुसपैठ की कोशिश करते पकड़े गए हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ओर से यह जानकारी दी गई है। दरअसल, बांग्लादेश में छात्र आरक्षण विरोधी आंदोलन कर रहे हैं। इस वजह से वहां हिंसा का दौर चल रहा है। तमाम कोशिशों के बाद भी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।
लोग अपनी जान बचाकर सीमा पार कर भारत आने की कोशिश कर रहे हैं। इसी का फायदा उठाकर घुसपैठिए भी सीमा पार करने की साजिश रच रहे हैं। इन सब के बीच राजनीतिक उथल-पुथल के बाद बीते सोमवार को पड़ोसी मुल्क की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर भारत चली आई थीं। इसके बाद 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली थी।
बीएसएफ की ओर से रविवार को बताया गया कि पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मेघालय में अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे 11 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। इसके बाद आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए उन्हें राज्य पुलिस को सौंप दिया जाएगा। बयान में कहा गया कि भारत में घुसपैठ करते हुए 11 बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा पर पकड़ा गया है। पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा सीमा से दो-दो और मेघालय सीमा से सात को पकड़ा गया है।
बताया गया कि बीएसएफ बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों पर अत्याचारों को लेकर अपने समकक्ष बीजीबी के साथ संपर्क में है। इससे पहले पूर्वी कमान प्रमुख, अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) रवि गांधी ने शनिवार को 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा की समीक्षा के लिए एक ऑपरेशनल कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता की थी। इस कॉन्फ्रेंस में बांग्लादेश में मौजूदा अशांति और 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सुरक्षा की समीक्षा की गई। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के सामने आने वाले मुद्दों पर विचार करने के लिए एडीजी के तहत एक समिति का गठन किया है।