टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में अश्विनी वैष्णव का पत्र सामने आने के बाद एक बार फिर सियासत गर्म हो गई है। दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को अश्विनी वैष्णव ने पत्र लिखा है, जिसे दुबे ने एक्स पर शेयर कर टीएमसी सांसद पर निशाना साधा है। जिसके बाद महुआ ने भी इसे हास्यास्पद बताते हुए भाजपा और निशिकांत दुबे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने निशिकांत को फर्जी डिग्री वाला बताते हुए पर एयरपोर्ट के ATC रूप में अवैध रूप से घुसने के मामले में जांच लंबित होने की बात कही।
महुआ ने किया पलटवार
वहीं, वैष्णव द्वारा निशिकांत दुबे को लिखे गए पत्र पर महुआ मोइत्रा ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पलटवार करते हुए एक्स पर लिखा कि 'कौन झूठ बोल रहा है? दो दिन पहले फर्जी डिग्री वाले ने कहा कि एनआईसी ने पहले ही जांच एजेंसी को 'दुबई' लॉगिन सहित विवरण दे दिया है। अब अश्विनी वैष्णव कहते हैं यदि लोकसभा या एथिक्स कमेटी द्वारा पूछा गया तो एनआईसी भविष्य में जानकारी देगा। महुआ ने केंद्रीय मंत्री के पत्र को 'हास्यपद' बताते हुए यह भी लिखा कि वह इंतजार कर रही हैं कि फर्जी निशिकांत दुबे के कथित तौर पर एयरपोर्ट के ATC रूम में अवैध रूप से घुसने के मामले में कब जांच होगी। उन्होंने कहा कि मुझ पर हमला करने के लिए बीजेपी का स्वागत है, लेकिन अडानी+गोड्डा शायद सर्वश्रेष्ठ रणनीतिकार नहीं है।
निशिकांत दुबे ने फिर बोला था महुआ पर हमला
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा लिखे गए इस पत्र को एक्स पर शेयर करते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर एक बार फिर कटाक्ष किया है। उन्होंने लिखा कि देश की सुरक्षा को एक सांसद के लोभ ने ख़तरे में डाल दिया है। उन्होंने इसे रावण दहन व दुर्गा माता के कलश व विसर्जन के बाद धर्म युद्ध की शुरुआत बताया । निशिकांत दुबे ने यह भी लिखा कि यह राजनीति से उपर ,पक्ष-विपक्ष का नहीं बल्कि देश की सुरक्षा और अखंडता का सवाल है । अब महुआ के ताजा हमले के बाद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर बिना किसी का नाम लिए उन पर तंज कसा है। उन्होंने लिखा है कि 'चोर मचाए शोर'।
अश्विनी वैष्णव ने लिखा था पत्र
दरअसल, निशिकांत दुबे के पत्र को लेकर अश्विनी वैष्णव ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि कथित 'कैश फॉर क्वेरी' घोटाले में लोकसभा सांसद द्वारा उठाए गए मुद्दे गंभीर महत्व के हैं। हालांकि ये मामला अभी लोकसभा की एथिक्स कमेटी के पास जांच के लिए है। केंद्रीय मंत्री ने आगे लिखा कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) इस मामले में लोकसभा सचिवालय के किसी भी निर्देश का तुरंत जवाब देगा।
बता दें कि यह पूरा विवाद तब खड़ा हुआ जब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने स्पीकर को पत्र लिखकर टीएमसी सांसद के खिलाफ 'कैश फॉर क्वेरी' सबूत देने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया था कि ये सबूत वकील जय अनंत देहाद्राई द्वारा प्रदान किए गए थे। अब इस मामले में संसद की आचार समिति ने दुबे और अधिवक्ता देहाद्राई दोनों को 26 अक्टूबर को आरोपों के मौखिक साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए बुलाया है।