पश्चिम बंगाल के सभी दलों ने विभिन्न जिलों में पंचायत चुनाव के के बीच 11 लोगों की हत्या की शनिवार को निंदा की जबकि विपक्षी भाजपा ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। वहीं, चुनावी हिंसा में अपने छह समर्थकों को खोने वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने विपक्ष पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया और मतदाताओं की सुरक्षा करने में विफल रहने के लिए केंद्रीय बलों की आलोचना की।
तृणमूल के गुंडों को मिल रही खुली छूट: अधीर रंजन चौधरी
दूसरी ओर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के गुंडों को खुली छूट मिल रही है और जनादेश को लूटा गया है। वहीं, माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने दावा किया कि केंद्रीय बल को सही तरीके से मॉबिलाइज नहीं किया गया।
हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही, केंद्रीय बल कहां हैं: शशि पांजा
आधी रात से मारे गए लोगों में तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्य, भाजपा, माकपा, कांग्रेस और आईएसएफ के एक-एक कार्यकर्ता और एक अन्य व्यक्ति शामिल हैं जिनकी राजनीतिक पहचान का पता नहीं चल सका है। राज्य के वरिष्ठ मंत्री शशि पांजा ने कहा, ‘कल रात से चौंकाने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं। भाजपा, माकपा और कांग्रेस ने केंद्रीय बलों की मांग करते हुए सांठगांठ की थी। वे कहां तैनात हैं? टीएमसी कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है। केंद्रीय बल कहां हैं?
‘टीएमसी ने अपने बयान में क्या कहा?
तृणमूल कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि आठ जून को पंचायत चुनाव की घोषणा होने के बाद से 27 लोगों की मौत हुई है और उनमें से 17 तृणमूल से हैं, जो कुल मौतों का 60 फीसदी से अधिक है।उन्होंने कहा, ‘अगर तृणमूल वास्तव में हिंसा भड़का रही होती, जैसा कि मीडिया आरोप लगा रहा है, तो उनके अपने कार्यकर्ताओं को निशाना क्यों बनाया जाएगा और उनकी हत्या क्यों की जाएगी? विपक्ष ने हार मान ली है और अब मीडिया में अपने सहयोगियों का इस्तेमाल करते हुए इस कहानी को आकार देने की कोशिश कर रहा है कि हिंसा ने चुनाव को कैसे प्रभावित किया।’ बयान में कहा गया है कि पूरे पश्चिम बंगाल में 60,000 से अधिक बूथ हैं, लेकिन केवल 60 बूथों पर मतदान प्रक्रिया के दौरान व्यवधान देखा गया।
भाजपा की मांग- राज्य में लगाया जाए राष्ट्रपति शासन
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता भाजपा के शुभेंदु अधिकारी ने मांग की कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘राज्य प्रशासन के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव एक मृगमरीचिका है। यह तभी संभव है जब चुनाव राष्ट्रपति शासन या अनुच्छेद 355 के तहत हों। संविधान के अनुच्छेद 355 में कहा गया है कि राज्यों को आंतरिक गड़बड़ी और बाहरी आक्रमण से बचाना संघ का कर्तव्य है।’
टीएमसी के इशारे पर काम कर रही एसईसी: राहुल सिन्हा, भाजपा नेता
भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने दावा किया कि राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) तृणमूल कांग्रेस सरकार के निर्देश के अनुसार काम कर रहा है और यह अपने कर्तव्यों का पूरी तरह से निर्वहन करने में विफल रहा है। उन्होंने कहा, ‘आज जिस तरह से वे मतदान करा रहे हैं, उससे यह स्पष्ट है। कई बूथों पर केंद्रीय बल नहीं हैं, जबकि कुछ में राज्य पुलिस भी नदारद है। मेरे पास तस्वीरें और वीडियो हैं जहां सीसीटीवी तारों से भी जुड़े नहीं थे। इससे वास्तव में उपद्रवियों को हिंसा करने में मदद मिली।
‘माकपा के नेताओं ने क्या कहा?
माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा, ‘उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद केंद्रीय बल को उचित तरीके से नहीं जुटाया गया और यह केंद्रीय एवं राज्य बलों के बीच की गड़बड़ी है। उन्होंने कहा कि आखिरकार लोग ही पीड़ित हैं।’ वहीं, माकपा के वरिष्ठ नेता डॉ. सुजान चक्रवर्ती ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘हथियारों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है और इन सभी घटनाओं के पीछे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का हाथ है। उन्होंने मतदान के दिन गड़बड़ी पैदा करने और वोट लूटने के लिए पहले से ही इसकी योजना बना रखी थी। लेकिन मैं यह देखकर खुश हूं कि कुछ स्थानों पर लोगों ने प्रतिरोध किया है।
‘ कोई चुनाव होगा तो लाश गिरना जरूरी है क्या: रविशंकर प्रसाद
भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, “बंगाल में आज जो पंचायत चुनाव हो रहे हैं, उसमें हिंसा का तांडव हो रहा है। अभी तक एक दर्जन से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और बड़ी संख्या में लोग घायल हैं। ममता जी आपने अपने बंगाल को कहां पहुंचा दिया? एक समय बंगाल लोकतंत्र की जननी थी। राष्ट्रीय जागरण का केंद्र था। सुभाष चंद्र बोस, रवींद्र नाथ टैगोर और ईश्वर चंद्र विद्यासागर का बंगाल…कोई चुनाव होगा तो लाश गिरना जरूरी है क्या?”उन्होंने आगे कहा, “ममता जी मुझे आपसे एक सवाल पूछना है..पहले बिहार सहित बाकी प्रदेशों में भी बहुत सी लाशें गिरती थी। अब तो चुनाव आयोग की शक्ति के कारण काफी कम हो गया है। आपके यहां भी लोकसभा के चुनाव होते हैं। चुनाव आयोग की सख्ती के कारण हिंसा थोड़ी कम होती है। लेकिन जब आपकी सरकार ग्राम पंचायत का चुनाव करवा रही है तो क्या हो रहा है? और कितने लोग मारे जाएंगे? क्यों मारे जाएंगे? केंद्रीय बलों को भी कायदे से काम नहीं करने दिया जा रहा है। जमीन पर कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। ममता जी की पुलिस एक पॉलिटीकल आउटफिट के रूप में काम करती है। समझदार पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहन नहीं मिलता है या उन्हें काम नहीं करने दिया जाता है।
“नड्डा ने सुवेंदु अधिकारी और मंगल पांडे से की फोन पर बातचीत
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और भाजपा के राज्य प्रभारी मंगल पांडे के साथ फोन पर चुनावी हिंसा को लेकर बातचीत की।
मतपत्रों पर नहीं बल्कि गोलियों पर भरोसा करती है सत्तारूढ़ पार्टी:निशीथ प्रमाणिक
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक ने कहा, राज्य चुनाव आयोग ने जल्दबाजी में एक ही चरण में और केंद्रीय बलों की तैनाती के बिना चुनाव कराने का फैसला किया। हम इसके खिलाफ अदालत गए और उसने भी इसे स्वीकार किया। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। केंद्रीय बल केवल गश्त ड्यूटी के लिए रखा गया था। केंद्रीय बल के जवानों को किसी भी बूथ पर तैनात नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी मतपत्रों पर नहीं बल्कि गोलियों पर भरोसा करती है, इसलिए यह राज्य की स्थिति है… ममता बनर्जी बाहरी घुसपैठियों, असामाजिक तत्वों और तृणमूल के को शरण दे रही हैं। आज बंगाल का क्या हो गया है।