राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ छात्र संगठनों की तरफ से प्रस्तावित नबन्ना अभिजान को लेकर बंगाल पुलिस ने कहा है कि इसके लिए आयोजनकर्ताओं ने अनुमति नहीं ली है। जिसकी वजह से ये रैली पूरी तरह से अवैध है। बता दें कि आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर के साथ दरिंदगी के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर छात्र संगठन 27 अगस्त की 'नबन्ना अभिजान' रैली का आह्वान किया है। मामले में बंगाल पुलिस ने कहा कि मार्च के दौरान संभावित कानून-व्यवस्था के मुद्दों की चिंताओं के कारण आवश्यक एहतियाती कदम उठाए हैं।
प्रतिबंधित क्षेत्र में धारा 163 की गई लागू
पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) मनोज वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि किसी भी व्यक्ति या संगठन ने राज्य सचिवालय 'नबन्ना' तक ऐसी रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं मांगी है, जो एक प्रतिबंधित क्षेत्र है। राज्य सरकार ने पहले ही बीएनएसएस की धारा 163 के तहत नबन्ना के पास निषेधाज्ञा लागू कर दी है, जिससे पांच या अधिक व्यक्तियों के एकजुट होने पर रोक है।
'अभी तक कार्यक्रम के लिए नहीं ली गई अनुमति'
एडीजी ने आगे कहा कि हमें तमाम मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया के माध्यम से 'नबन्ना अभिजान' रैली के बारे में पता चला है। जिसके लिए आज तक, न तो किसी व्यक्ति या संगठन ने अनुमति के लिए आवेदन किया है, जिससे यह आयोजन अवैध हो गया है। इस दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चूंकि नबन्ना एक प्रतिबंधित क्षेत्र है, इसलिए वहां किसी भी नियोजित कार्यक्रम के लिए पुलिस की मंजूरी की आवश्यकता होती है।
रैली की आड़ में हिंसा की साजिश- एडीजी
वहीं इस मामले में एडीजी मनोज वर्मा ने यह भी कहा कि पुलिस को 27 अगस्त को रैली के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा और अराजकता भड़काने के प्रयासों का सुझाव देने वाली खुफिया जानकारी मिली है। उन्होंने कहा, हमें कई स्रोतों से सूचना मिल रही हैं कि बदमाश प्रवृत्ति के लोग इस रैली की आड़ में हिंसा फैलाने की कोशिश करेंगे, इसलिए पुलिस आम जनता को इससे दूर रहने की सलाह दे रही है।