पश्चिम बंगाल की राजधानी में भाजपा की तरफ से आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की घटना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया गया। इस विरोध-प्रदर्शन के दौरान शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि 5000 से अधिक महिलाएं विरोध कर रही हैं और हम उनका समर्थन कर रहे हैं, अगर सबूत नष्ट हो गए तो दोषसिद्धि कैसे होगी?, ममता बनर्जी को अपना पद छोड़ देना चाहिए।
ममता बनर्जी ड्रामेबाजी कर रही हैं- मजूमदार
वहीं राज्य सरकार की तरफ से विधानसभा में दुष्कर्म विरोधी विधेयक पेश किए जाने पर दक्षिण दिनाजपुर में केंद्रीय मंत्री सुकांता मजूमदार ने कहा कि ममता बनर्जी ड्रामेबाजी कर रही हैं। वह जो विधेयक लेकर आई हैं, वह पूरी तरह से असंवैधानिक है क्योंकि भारत का संविधान कहता है कि अगर केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों किसी चीज पर विधेयक लाती हैं, तो केंद्र का कानून मान्य होगा। न्याय संहिता पहले से मौजूद है, जिसे लागू भी किया गया है और जिसमें मृत्युदंड का भी प्रावधान है।
‘कानून को लागू करने वाले की नीयत भी अच्छी होनी चाहिए’
वहीं भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि बलात्कार के आरोपियों के खिलाफ कानून में सभी प्रावधान मौजूद हैं, लेकिन कानून को लागू करने वाले की नीयत भी अच्छी होनी चाहिए। यह वही विधानसभा है, जहां ममता बनर्जी शेख शाहजहां का समर्थन करने के लिए खड़ी हुई थीं। उन्होंने पीड़ितों को दुष्प्रचार करने वाले तक करार दिया था। बलात्कार के मामलों को सुलझाने के लिए उनकी सरकार ने कितनी फास्ट-ट्रैक अदालतें स्थापित कीं? कितने मामलों में आरोपियों को सजा हुई है? आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सबूत नष्ट करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? उनकी मंशा राज्य में महिलाओं के सामने आने वाले मुद्दों को संबोधित करना या उनके कल्याण के लिए काम करना नहीं है, बल्कि खुद को सभी अपमान से बचाना और मुद्दे को भटकाना है।
संदीप घोष को स्वास्थ्य विभाग से क्यों नहीं किया गया निलंबित?
इधर भाजपा नेता डॉ. अनिरबन गांगुली ने कहा, पश्चिम बंगाल में 2011 से ही टीएमसी सत्ता में है। 2012 में पार्क स्ट्रीट की घटना, फिर हंसखली, कामदुनी और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की अन्य घटनाएं, इस मामले में सीएम की मानसिकता क्या है, यह रिकॉर्ड में है। उन्होंने या तो पीड़िता का मजाक उड़ाया या उसके चरित्र पर सवाल उठाए। यह कानून लाना भी दिखावा है। उन्हें लगता है कि इस कानून के बाद सारे विरोध शांत हो जाएंगे। सवाल ये है कि संदीप घोष को अभी तक स्वास्थ्य विभाग से निलंबित क्यों नहीं किया गया?
विधानसभा से पास हुआ दुष्कर्म विरोधी विधेयक
बंगाल विधानसभा में आज यानी मंगलवार को दुष्कर्म विरोधी विधेयक पेश किया गया, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। इस विधेयक में दुष्कर्म और पीड़िता की मौत के दोषी व्यक्ति को फांसी की सजा देने का प्रावधान किया गया है। साथ ही इसमें दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म के दोषी को बिना जमानत के आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान भी किया गया है। विधानसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस विधेयक को ऐतिहासिक करार दिया।