बेंगलुरु – कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने सेंट्रल जेल में कैदियों द्वारा मोबाइल फोन और टीवी-रेडियो के उपयोग को गंभीर मुद्दा बताते हुए सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) बी दयानंद से इस मामले की रिपोर्ट तलब की है। दयानंद को 31 जुलाई को जेल प्रमुख के रूप में तैनात किया गया था।

गृह मंत्री ने कहा, "मैं इस बकवास को बर्दाश्त नहीं करूंगा। ये घटनाएं बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। स्टाफ कम होने का बहाना ठीक नहीं है। जो स्टाफ हैं, उन्हें अपने काम में पूरी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। अगर जेल के अंदर ही टीवी और मोबाइल लाए जा रहे हैं, तो जेल का क्या फायदा?" उन्होंने कहा कि सीसीटीवी और जैमर की व्यवस्था को मंजूरी दी जा चुकी है।

वीडियो के बाद जांच की मांग
परमेश्वर ने स्पष्ट किया कि दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। इस संदर्भ में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें आईएसआईएस रिक्रूटर जुहैब हमीद शकील मन्ना जेल के अंदर मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए और चाय पीते हुए नजर आया। वीडियो में रेडियो या टीवी की आवाज भी सुनाई दे रही थी।

एक अन्य वीडियो में 18 रेप और हत्या के मामलों में दोषी उमेश रेड्डी दो एंड्रॉइड फोन और एक कीपैड फोन का इस्तेमाल करते और अपनी बैरक में टीवी रखते दिखे। उन्हें पहले मौत की सजा सुनाई गई थी, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने बीमार होने का हवाला देते हुए 30 साल के कारावास में बदल दिया।

इसके अलावा कैदी तरुण राजू भी जेल के अंदर फोन का उपयोग और खाना बनाते हुए दिखाई दिया। वीडियो के सामने आने के बाद तत्काल कार्रवाई की मांग की गई थी और जेल विभाग ने जांच शुरू कर दी थी। गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि ऐसी घटनाएं पहले भी हुई हैं और अब इसे रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे।