बेंगलुरु के खराब बुनियादी ढांचे को लेकर सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। शहर के नागरिकों ने सड़कों की जर्जर हालत, लगातार ट्रैफिक जाम और जगह-जगह गड्ढों को लेकर नाराजगी जताई है। कई लोगों ने यहां तक कहा है कि जब तक स्थिति नहीं सुधरती, वे संपत्ति कर का भुगतान नहीं करेंगे।

शहर की बिगड़ती हालत को लेकर बायोकॉन की प्रमुख किरण मजूमदार-शॉ ने भी सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद यह मामला और गर्मा गया। उन्होंने सरकार से पूछा था कि देश की तकनीकी राजधानी कहलाने वाला बेंगलुरु कब अपने बुनियादी ढांचे की दुर्दशा से उभरेगा।

इस बीच, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने नागरिकों को भरोसा दिलाया कि सरकार सड़कों की मरम्मत के लिए तेजी से कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, “शहर के प्रमुख इलाकों में गड्ढे भरने और डामरीकरण का काम चल रहा है। आलोचना करने के बजाय हमें बेंगलुरु को बेहतर बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए।”

शिवकुमार ने जानकारी दी कि अब तक शहर में करीब 13,000 गड्ढे भरे जा चुके हैं और सरकार का लक्ष्य सड़क समस्याओं का स्थायी समाधान निकालना है। उन्होंने अधिकारियों को 550 किलोमीटर लंबी मुख्य सड़कों के विकास के लिए 1,100 करोड़ रुपये की योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

इधर, ‘इंडिविजुअल टैक्सपेयर फोरम’ नामक नागरिक समूह ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि जब तक ग्रेटर बेंगलुरु प्राधिकरण (BBMP) बेहतर सार्वजनिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराता, तब तक संपत्ति कर का भुगतान बंद किया जाएगा।

राज्य के मंत्री प्रियांक खरगे और एम.बी. पाटिल ने भी स्वीकार किया कि शहर में बुनियादी ढांचे की समस्याएं गंभीर हैं और इन्हें ठीक करने में समय लगेगा।