गृह मंत्रालय की तरफ से बीएसएफ को इस सप्ताह की शुरुआत में एक आदेश मिला है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने ओडिशा से दो हजार बीएसएफ कर्मियों को जम्मू क्षेत्र में भेजने का फैसला लिया है। इस रणनीतिक कदम का उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा को मजबूत करना और बढ़ते खतरों का मुकाबला करना है। यह निर्णय जम्मू क्षेत्र में हाल ही में एक के बाद एक हुए आतंकी हमलों के बाद लिया गया है, जिसने सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। ओडिशा में अब तक ये दोनों बटालियन नक्सल विरोधी अभियानों में लगी हुई थीं और अब वे आतंकवाद से प्रभावित जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूत करेंगी।
बीएसएफ महानिदेशक ने किया था राज्य का दौरा
सूत्रों के अनुसार, इन बलों की तैनाती से सरकार का इरादा आतंकी गतिविधियों से उत्पन्न जोखिमों को कम करना, क्षेत्र और इसके निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। बीएसएफ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने 21 जुलाई को जम्मू अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सैनिकों की परिचालन तैयारियों का जायजा लिया था। इसके कुछ दिनों बाद केंद्र ने बीएसएफ तैनाती का निर्णय लिया है। जानकारी के मुताबिक ओडिशा के मलकानगिरी जिले से बीएसएफ की एक बटालियन और कोरापुट जिले से दूसरी बटालियन को वापस बुलाया जा रहा है।
सांबा और जम्मू-पंजाब सीमा के पास होगी तैनाती
सूत्रों ने बताया कि बीएसएफ के दोनों इकाइयों के जवानों के सांबा और जम्मू-पंजाब सीमा के पास तैनात होने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हाल ही में दिल्ली और जम्मू में हुई शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की दो बैठकों के बाद जम्मू में बीएसएफ की तैनाती को बढ़ाने की जरूरत महसूस हुई। अधिकारी ने कहा, नक्सल विरोधी अभियान को तेज करने के लिए ओडिशा से बीएसएफ की दो बटालियनों को छत्तीसगढ़ भेजने का प्रस्ताव था, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए इन इकाइयों को अब जम्मू भेजा जा रहा है।
कश्मीर के बाद जम्मू पर आतंकियों की नजर
इस साल राजौरी, पुंछ, रियासी, उधमपुर, कठुआ और डोडा जिलों में हुए आतंकी हमलों के बाद जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें 11 सुरक्षाकर्मियों और एक ग्राम रक्षा गार्ड सदस्य समेत 22 लोग मारे गए हैं। पिछले महीने कठुआ और डोडा जिलों में दो मुठभेड़ों में पांच आतंकवादी मारे गए थे।