भारत में चुनावों को प्रभावित करने के दावे को लेकर अमेरिकी दूतावास ने बड़ा बयान दिया है। दूतावास ने विदेश मंत्रालय को स्पष्ट किया कि यूएसएआईडी ने भारत में मतदान या चुनाव प्रभावित करने के लिए कोई भी फंडिंग नहीं दी। यह जानकारी अब संसद में भी साझा की गई है।
माकपा सांसद जॉन ब्रिटास के सवाल के जवाब में अमेरिकी दूतावास ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2014 से 2024 तक यूएसएआईडी को भारत में मतदान बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर की कोई धनराशि न मिली और न ही प्रदान की गई। साथ ही दूतावास ने यह भी स्पष्ट किया कि यूएसएआईडी ने भारत में मतदान को प्रभावित करने के लिए कोई गतिविधि नहीं की।
दरअसल, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारतीय चुनावों में मतदान बढ़ाने के लिए यूएसएआईडी की धनराशि का इस्तेमाल हुआ। इस पर कार्रवाई की स्थिति के संबंध में सांसद ने सरकार से सवाल किया था। विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी दूतावास से बीते दस वर्षों में भारत में यूएसएआईडी द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं और उनके कार्यान्वयन भागीदारों की जानकारी मांगी थी।
अमेरिकी दूतावास ने 2 जुलाई को मंत्रालय को डेटा साझा करते हुए कहा कि 2014 से 2024 तक भारत में मतदान के लिए कोई फंडिंग नहीं दी गई। इससे पहले, 16 फरवरी 2025 को अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने एक्स पर पोस्ट में दावा किया था कि भारत में मतदान बढ़ाने के लिए यूएसएआईडी की 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग की गई थी। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी इसे चुनावी मुद्दा बनाते हुए बाइडन सरकार पर भारत में चुनावों को प्रभावित करने का आरोप लगाया था।