संसद के मानसून सत्र में विपक्ष का हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। मणिपुर में हिंसा पर विपक्षी दलों के विरोध के बीच लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार शाम पांच बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे के बीच लोकसभा में आज जैव विविधता संशोधन बिल पर चर्चा हुई और सदन ने जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह विधेयक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया जलवायु परिवर्तन, मरुस्थलीकरण और पारिस्थितिक असंतुलन के तिहरे संकट का सामना कर रही है। जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक 16 दिसंबर, 2021 को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव द्वारा संसद में पेश किया गया था।
यह विधेयक जैविक विविधता अधिनियम, 2002 में संशोधन करेगा। इस को 20 दिसंबर, 2021 को एक संयुक्त समिति में स्थानांतरित कर दिया गया था, क्योंकि बिल में चिंता जाहिर की गई थी इसके कुछ प्रावधान उद्योगों के पक्ष में है।
संयुक्त समिति ने 2 अगस्त, 2022 को संसद में अपनी रिपोर्ट इस सिफारिश के साथ प्रस्तुत की कि उनकी सिफारिशों को शामिल करने के बाद विधेयक को पारित किया जा सकता है। कई सांसदों ने विधेयक में संशोधन के फायदों पर बात की और कहा कि इसके लाभ में जैव-विविधता को कंपनी अधिनियम के साथ जोड़ना भी शामिल है।
मणिपुर में हिंसा को लेकर विपक्षी दल लगातार संसद में हंगामा कर रहे हैं और पीएम मोदी मणिपुर मुद्दे पर बोलने और केंद्र सरकार संसद में चर्चा के लिए बोल रहे हैं। वहीं मंगलवार को भी जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सदस्य मणिपुर का मुद्दा उठाते हुए नारे लगाने लगे। अध्यक्ष ओम बिरला ने विरोध कर रहे सदस्यों से नारेबाजी नहीं करने को कहा और उनसे अपनी सीटों पर वापस जाने का अनुरोध किया।
ओम बिरला ने सदस्यों से कहा कि नारे लगाने से मुद्दों का कोई समाधान नहीं होगा, वे प्रश्नकाल की अनुमति दें क्योंकि महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी है। विरोध जारी रहने पर कार्यवाही को स्थगित कर दिया।