पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर के एक बयान ने राजनीतिक माहौल गर्मा दिया है। कबीर ने दावा किया है कि 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखी जाएगी और इस कार्यक्रम में कई मुस्लिम नेताओं की मौजूदगी रहेगी। उनका कहना है कि मस्जिद का निर्माण तीन वर्ष में पूरा किया जाएगा। इस बयान के बाहर आते ही राज्य की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं।
भाजपा का विरोध—“बाबर लुटेरा था, उसके नाम पर निर्माण स्वीकार नहीं”
टीएमसी विधायक के बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने इसके विरोध में बरहामपुर में राम मंदिर निर्माण का ऐलान किया है। भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने कहा कि यदि कहीं बाबरी मस्जिद बनाई जाती है, तो भाजपा वहां मंदिर बनाकर रामलला को वापस लाने का काम करेगी। उन्होंने सवाल उठाया कि बाबर जैसे आक्रांता के नाम पर किसी ढांचे का निर्माण क्यों होना चाहिए। उनका कहना है कि यह कदम किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।
कांग्रेस ने कहा—“हम मुद्दों की राजनीति करते हैं”
कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी पार्टी हमेशा समावेशिता, समानता और संवैधानिक मूल्यों की बात करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और किसानों-मजदूरों के मुद्दों पर चुनाव लड़ने में विश्वास रखती है और ऐसे बयानों से राजनीति को भटकाना ठीक नहीं।
6 दिसंबर को टीएमसी की रैली, शीर्ष नेतृत्व संभालेगा मंच
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस 6 दिसंबर—बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी—पर एक बड़ी रैली आयोजित करने की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, टीएमसी का अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ हर साल इस रैली का आयोजन करता है, लेकिन इस बार इसकी जिम्मेदारी पार्टी के छात्र और युवा विंग को सौंपी गई है। रैली महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थल पर आयोजित की जाएगी, जहाँ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के संबोधित करने की संभावना है।