भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार को मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हेडगेवार का योगदान स्वतंत्रता संग्राम, संगठन निर्माण और राष्ट्र निर्माण में अद्वितीय रहा है, इसलिए उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान से अलंकृत किया जाना चाहिए।

सिद्दीकी ने पत्र में लिखा कि हेडगेवार का बलिदान और समर्पण देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका मानना है कि यदि उन्हें भारत रत्न दिया जाता है, तो यह न केवल उनके योगदान की मान्यता होगी बल्कि सेवा कार्यों में जुटे स्वयंसेवकों के उत्साह को भी बढ़ाएगा।

आरएसएस के 100 वर्ष पूरे
हेडगेवार का जन्म 1 अप्रैल 1889 को नागपुर में हुआ था। उन्होंने 1925 में विजयदशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। यह संगठन इस साल अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा है। इसी मौके पर नई दिल्ली के डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने एक विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्का जारी किया, जो आरएसएस की यात्रा और राष्ट्र के प्रति उसके योगदान को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में किया उल्लेख
अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने हेडगेवार और आरएसएस की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि जब 1925 में संघ की स्थापना हुई, तब भारत गुलामी की जंजीरों में बंधा हुआ था। उस दौर में हेडगेवार ने संगठन के माध्यम से आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को पुनर्जीवित करने का कार्य किया।

मोदी ने आगे कहा, "सदियों की गुलामी ने देश की आत्मा को कमजोर कर दिया था। ऐसे कठिन समय में हेडगेवार जी ने संघ की नींव रखकर राष्ट्र निर्माण का संकल्प लिया। उनके निधन के बाद गुरुजी ने इस कार्य को आगे बढ़ाया और संगठन को मजबूती दी।"