‘प्रधानमंत्री का मुफ्त राशन वादा भूल जाएगी भाजपा’; ममता बनर्जी ने बताया चुनावी वादा

भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए सियासत करने का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गरीबों को लाभ वाली योजना बंद करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, अगर भाजपा अगले साल लोकसभा चुनाव जीत जाती है, तो पार्टी मुफ्त राशन योजना को पांच साल तक बढ़ाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे को भुला देगी। बता दें कि पीएम मोदी ने एक चुनावी रैली में इस योजना का जिक्र करते हुए दावा किया था कि इससे लगभग 80 करोड़ लोगों को फायदा होगा।

बता दें कि पीएम मोदी ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुफ्त राशन योजना पर छत्तीसगढ़ की रैली में टिप्पणी की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि मुफ्त राशन वितरण दिसंबर, 2023 से आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा था कि योजना पांच साल और जारी रखी जाएगी। इससे लगभग 80 करोड़ लोगों को फायदा होगा।

बता दें कि केंद्र सरकार की इस योजना के तहत देशभर में गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत गेहूं-चावल जैसे अनाज दिए जाते हैं। भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए इस योजना का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को ममता बनर्जी ने जलपाईगुड़ी जिले में बयान दिया। सार्वजनिक वितरण कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा, दार्जिलिंग पहाड़ियों में बंद पड़े पांच चाय बागानों को फिर से खोलने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने में भाजपा पूरी तरह ‘विफल’ रही है। 

भाजपा पर हमला बोलते हुए सीएम ममता ने कहा, पश्चिम बंगाल सरकार जलपाईगुड़ी जिले में छह बंद चाय बागानों का अधिग्रहण करेगी। उन्होंने कहा कि चाय बागानों में काम करने वाले श्रमिकों को सरकार की तरफ से मासिक सहायता भी दी जाएगी। उन्होंने कहा, कुछ ही महीनों बाद चुनाव होने वाले हैं, प्रधानमंत्री मुफ्त राशन का वादा कर रहे हैं… जब वे चुनाव हार जाएंगे, तो वे अपना वादा पूरा करने के लिए कहीं दिखाई नहीं देंगे। 

बकौल ममता बनर्जी, जीतने के बावजूद भी भाजपा अपना वादा भूल जाएगी। उन्होंने काले धन को लेकर भाजपा के करीब एक दशक पुराने वादे पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा, भाजपा को बताना चाहिए किदेश के हर नागरिक के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा कराने के वादे का क्या हुआ? उन्होंने चाय बागानों के मुद्दे पर कहा, भाजपा अपने वादे पूरे नहीं करती लेकिन हम अपने वादे निभाते हैं।

मुख्यमंत्री ने दार्जिलिंग जिला प्रशासन को बंद चाय बागानों में बची हुई जमीन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने को कहा। चाय बागानों में रहने वाले लोगों के बीच तत्काल पट्टों (भूमि अधिकार दस्तावेज) का वितरण शुरू करने का निर्देश भी दिया गया है। उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल सरकार ठप पड़ी हुई छह चाय बागानों का अधिग्रहण कर श्रमिकों को 1,500 रुपये की मासिक मदद मुहैया कराएगी।

राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रायपुर, रियाबारी, धरणीपुर, सुरेंद्रनगर और जलपाईगुड़ी में रेड बैंक चाय बागान बंद हैं। मुख्यमंत्री ने सोमवार को चाय बागान श्रमिकों के साथ-साथ शरणार्थी कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को भी जमीन के पट्टे बांटे थे।

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