सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने महिला जवानों को सीमा पार से आने वाले ड्रोन खतरों से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण देना शुरू किया है। ग्वालियर स्थित बीएसएफ अकादमी के 'स्कूल ऑफ ड्रोन वॉरफेयर' में चल रही यह ट्रेनिंग महिला प्रहरियों को आधुनिक तकनीक से लैस कर उनकी सक्रिय भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।
इस प्रशिक्षण में जवानों को ड्रोन उड़ाने, नियंत्रित करने और निगरानी मिशनों के लिए डेटा इकट्ठा करने की दक्षता सिखाई जा रही है। बीएसएफ के डीजी दलजीत चौधरी के मार्गदर्शन में यह पहल शुरू की गई है, ताकि तकनीकी क्षमताओं के माध्यम से सीमा सुरक्षा को और मजबूत बनाया जा सके।
अकादमी के निदेशक डॉ. शमशेर सिंह, आईपीएस, एडीजी ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य महिला जवानों की तीन विशेषताओं—धैर्य, सटीकता और दृढ़ता—को ड्रोन संचालित ऑपरेशन में शामिल करना है। प्रशिक्षण से जवान न केवल ड्रोन खतरों का मुकाबला कर सकेंगी, बल्कि खोज-बचाव कार्य और आपदा प्रबंधन में भी तकनीकी दक्षता दिखा सकेंगी।
इस विशेष ड्रोन कोर्स से महिला जवान रियल टाइम इंटेलिजेंस, डेटा विश्लेषण और त्वरित निर्णय क्षमता में दक्ष होंगी। यह प्रशिक्षण उन्हें आत्मनिर्भर और आधुनिक सीमा सुरक्षा प्रणाली का अभिन्न हिस्सा बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
बीएसएफ अकादमी ग्वालियर वर्तमान में पूरे देश के कर्मियों को ड्रोन कमांडो कोर्स, ड्रोन वॉरियर कोर्स और ड्रोन ओरिएंटेशन कोर्स जैसी विशेष ट्रेनिंग सुविधाएं प्रदान कर रही है। इस पहल से महिला स्क्वाड्रन सीमा निगरानी को और अधिक सटीक, तेज और प्रभावी बना पाएगी।