गृह मंत्री अमित शाह नागरिकता संशोधन कानून को भाजपा की प्रतिबद्धता बता चुके हैं। गृह मंत्रालय करीब चार साल बाद इस कानून के नियम जारी करने वाला है। गृह मंत्रालय के मुताबिक 26 जनवरी से काफी पहले सीएए के नियम जारी कर दिए जाएंगे। इस कानून की पुरजोर मुखालफत कर रहे हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि सीएए असंवैधानिक कानून है।
सीएए धर्म की बुनियाद पर बना कानून, NPR-NRC के साथ पढ़ें कानून
एक सवाल के जवाब में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया और हैदराबाद से निर्वाचित सांसद असदुद्दीन ओवैस ने कहा, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) धर्म की बुनियाद पर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यह संविधान असंवैधानिक है। ओवैसी ने कहा कि सीएए कानून को राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर-राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NPR-NRC) के साथ पढ़ा जाना चाहिए।
जाति-धर्म का परवाह नहीं करेगी सरकार, बहुत बड़ी नाइंसाफी
ओवैसी का आरोप है कि इस कानून के लागू होने के बाद ऐसी शर्तें थोपी जाएंगी, जिसमें जनता को देश की नागरिकता प्रमाणित करनी पड़ेग। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर देश की गरीब जनता के साथ-साथ मुस्लिम और दलित आबादी के साथ घोर नाइंसाफी होगी। ओवैसी ने कहा कि जाति-धर्म का परवाह किए बिना लोगों से उनकी नागरिकता साबित करने को कहा जाएगा, जो बहुत बड़ी नाइंसाफी होगी।
वाम दल के वरिष्ठ सांसद ने भी सवाल खड़े किए
सांसद असदुद्दीन ओवैसी के अलावा वाम दल के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने भी नागरिकता संशोधन कानून पर सवाल खड़े किए हैं। गृह मंत्रालय की तरफ से नियम तैयार होने की बात कहे जाने पर येचुरी ने एक सवाल के जवाब में कहा, अब बिल्कुल साफ हो चुका है कि इस कानून को लागू किए जाने का मकसद पूरी तरह राजनीतिक है।
राजनीतिक लाभ पाने के लिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के प्रयास में भाजपा
उन्होंने कहा कि 2019 में संसद से विधेयक पारित हुए। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के लगभग तीन साल बाद भी इसके नियम नहीं जारी किए गए। अब लोकसभा चुनाव-2024 से ठीक पहले सीएए के नियम जारी करने की बात कही जा रही है। सरकार नियम इसलिए जारी करना चाहती है ताकि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण किया जा सके। येचुरी ने कहा कि सरकार सीएए को सियासी हथियार की तरह इस्तेमाल करना चाहती है। चुनाव से पहले सीएए के नियम जारी करने का एक ही मकसद है। सरकार इस कानून के नियम और कानून में की गई घोषणाओं का इस्तेमाल चुनाव में फायदा हासिल करने के लिए करना चाहती है।
सीएए के नियमों पर गृह मंत्री अमित शाह का रूख
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि सीएए के नियम 26 जनवरी से काफी पहले जारी कर दिए जाएंगे। गृह मंत्रालय के वरिष्ठ पदाधिकारी ने मंगलवार को बताया कि सीएए के नियम तैयार हैं और ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार है। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। आवेदकों को वह साल बताना होगा, जब उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बगैर भारत में प्रवेश किया था। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। इससे पहले बीते 27 दिसंबर को कोलकाता दौरे पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए का कार्यान्वयन कोई नहीं रोक सकता। यह देश का कानून है।