संसद से पारित होने के चार साल से अधिक समय बाद आखिरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम से जुड़े नियम लागू हो गए हैं। केंद्र सरकार ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी। इसके बाद एक बार फिर कांग्रेस, टीएमसी, माकपा समेत तमाम विपक्षी दलों का विरोध शुरू हो गया है। वहीं भाजपा ने भी इस कानून को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। भाजपा ने कहा हम जो कहते हैं वो कर दिखाते हैं।
चुनाव से पहले सीएए लागू करना ध्रुवीकरण की कोशिश- कांग्रेस
वहीं, कांग्रेस ने नागरिकता (संशोधन) कानून के लागू होने के बाद सोमवार को आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव से पहले इसके माध्यम से देश में खासकर पश्चिम बंगाल व असम में ध्रुवीकरण का प्रयास किया गया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि चुनावी बॉण्ड पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने 'हेडलाइन मैनेज करने' की कोशिश भी की है।
पिनरई बोले-सांप्रदायिक आधार पर विभाजन पैदा करने वाला कानून
सीएए के नियम अधिसूचित करने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे सांप्रदायिक आधार पर विभाजन पैदा करने वाला कानून बताया। साथ ही कहा कि वे इसे किसी भी कीमत पर केरल में लागू नहीं होने देंगे।
पिनरई विजयन ने एक बयान में कहा कि सरकार ने बार-बार कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम, जो मुस्लिम अल्पसंख्यकों को दोयम दर्जे का नागरिक मानता है, उसे केरल में लागू नहीं किया जाएगा। इस सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी कानून के विरोध में पूरा केरल एकजुट होगा।
ममता बोली- नहीं लागू होने देंगे
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इसे लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी सूरत में बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू नहीं होने देंगी। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार मजबूत होती तो सीएए पहले ही लागू कर देती। लोकसभा चुनाव पहले ही इसे क्यों लागू किया गया।
ममता बनर्जी ने कहा, 'जब चुनाव आता है तो वे कुछ न कुछ प्रलोभन देने की कोशिश करते हैं। मेरा कहना है कि सीएए 2020 में पारित हुआ। इसके बाद चार साल लग गए। क्या आज चुनाव से दो या तीन दिन पहले सीएए लाना ज़रूरी है? उन्होंने इसे एक राजनीतिक योजना करार दिया। ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि एनआरसी और सीएए के नाम पर लोगों को डिटेंशन कैंप में भेजा जाएगा, तो वह इसका विरोध करेंगी। उन्होंने कहा कि सीएए और एनआरसी न केवल बंगाल बल्कि पूरे पूर्वोत्तर के लिए संवेदनशील मुद्दा है। हम लोकसभा चुनाव से पहले अशांति नहीं चाहते।
अखिलेश यादव ने कही ये बात
वहीं, अखिलेश यादव ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर सीएए के साथ ही बेरोजगारी को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि जब देश के नागरिक रोजी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरों के लिए ‘नागरिकता क़ानून’ लाने से क्या होगा? जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है। भाजपा सरकार ये बताए कि उनके 10 सालों के राज में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़ कर क्यों चले गये। आगे अखिलेश यादव ने चुनावी बांड को लेकर भी केंद्र पर तंज कसा। उन्होंने लिखा कि चाहे कुछ हो जाए कल 'इलेक्टोरल बांड' का हिसाब तो देना ही पड़ेगा और फिर 'केयर फ़ंड' का भी।
शाह ने किया ये पोस्ट
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएए को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा केंद्र सरकार ने नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 को अधिसूचित किया। ये नियम अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हमारे देश में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे। इस अधिसूचना के साथ पीएम मोदी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है और उन देशों में रहने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों के लिए हमारे संविधान निर्माताओं के वादे को साकार किया है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे बोले ये शुद्ध राजनीति
केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA)की अधिसूचना जारी करने पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने प्रतिक्रिया दी। भारत ही एक ऐसा देश है जो धर्मनिरपेक्ष है। CAA का मूल उद्देश्य है कि धर्म के आधार पर अगर किसी के साथ उत्पीड़न हो रहा है और वे भारत में शरण लाते हैं तो हम आपको भारत की नागरिकता देंगे। इस पर यदि विपक्ष चिल्ला रहा है तो ये शुद्ध राजनीति है।
सीएए मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने की गोडसे की सोच पर आधारित: ओवैसी
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी सीएए को लेकर केंद्र पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नागरिकता (संशोधन) कानून विभाजनकारी है। यह गोडसे की सोच पर आधारित है जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता था। एनपीआर-एनआरसी के साथ, सीएए केवल मुसलमानों को लक्षित करने के लिए है और इसका कोई अन्य उद्देश्य नहीं है। ओवैसी ने कहा कि आप क्रोनोलॉजी समझिए। पहले चुनाव का मौसम आएगा, उसके बाद सीएए के नियम आएंगे।