नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार के हालिया कैबिनेट फैसले भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को नई मजबूती देंगे और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 'निर्यात प्रोत्साहन मिशन' और 'निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना' को मंजूरी दी गई।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “‘मेड इन इंडिया’ की गूंज दुनिया भर में और तेज़ हो—इसी दिशा में ये कदम उठाए गए हैं। कैबिनेट द्वारा स्वीकृत ‘निर्यात प्रोत्साहन मिशन’ भारत के निर्यात को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा और एमएसएमई सहित नए और श्रम-प्रधान क्षेत्रों को मजबूत करेगा।” उन्होंने कहा कि यह मिशन सभी हितधारकों को एक मंच पर लाकर परिणाम-आधारित तंत्र तैयार करेगा, जिससे निर्यात क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि “निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना” कारोबार को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेगी और भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगी। यह योजना आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को गति प्रदान करेगी।

सरकार ने बैठक में ग्रेफाइट, सीजियम, रुबिडियम और जिरकोनियम जैसे महत्त्वपूर्ण खनिजों की रॉयल्टी दरों को तर्कसंगत बनाने का भी निर्णय लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फैसला हरित ऊर्जा क्षेत्र में स्थिरता, आत्मनिर्भरता और नए रोजगार अवसरों को बढ़ावा देगा।

₹45,000 करोड़ की योजनाओं को मिली मंजूरी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन निर्णयों को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने ₹45,000 करोड़ की दो नई योजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें ₹25,060 करोड़ का “एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन” और ₹20,000 करोड़ की “क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर एक्सपोर्टर्स (CGSE)” शामिल है। शाह ने कहा कि यह कदम अमेरिकी शुल्क वृद्धि से प्रभावित भारतीय निर्यातकों को राहत देगा, एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाएगा और भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर निर्यात लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ाएगा।

इन फैसलों से सरकार का लक्ष्य है कि भारत न केवल अपने उत्पादों के निर्यात को बढ़ाए बल्कि वैश्विक बाजार में ‘मेड इन इंडिया’ की पहचान को और अधिक मजबूत बनाए।