क्या जेल से चल सकती है सरकार? शाह ने विपक्ष पर साधा निशाना

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार को तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में बूथ समिति सदस्यों के सम्मेलन में शामिल हुए। अपने संबोधन की शुरुआत उन्होंने तमिल भाषा न बोल पाने पर क्षमा मांगते हुए की। इस दौरान शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का आभार जताया कि उन्होंने तमिलनाडु के नेता सी.पी. राधाकृष्णन को एनडीए का उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया।

शाह ने कहा, “मैं तमिलनाडु के लोगों को यह बताने आया हूं कि राज्य का बेटा सी.पी. राधाकृष्णन राज्यसभा का सभापति बनने जा रहा है। इससे पहले भी एनडीए ने एपीजे अब्दुल कलाम को भारत का राष्ट्रपति बनाकर तमिलनाडु को सम्मान दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा तमिलनाडु, इसकी भाषा और संस्कृति को गौरवान्वित किया है।”

ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख
गृहमंत्री ने अपने भाषण में आतंकवाद के खिलाफ सरकार की सख्त नीति का जिक्र करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की चर्चा की। उन्होंने कहा, “पाकिस्तानी आतंकियों ने पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की हत्या की थी। तब प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवादियों और उनके आकाओं को सबक सिखाने का वादा किया था। बाद में ऑपरेशन सिंदूर को मंजूरी देकर हमने उनके ठिकानों को ध्वस्त कर दिया।”

संविधान संशोधन विधेयक पर विपक्ष को घेरा
अमित शाह ने अपने संबोधन में हाल ही में लोकसभा में पेश 130वें संविधान संशोधन विधेयक का विरोध करने पर विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “अगर कोई मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री जेल जाता है, तो उसे पद छोड़ना होगा। लेकिन डीएमके के वरिष्ठ मंत्री पोनमुडी और सेंथिल बालाजी आठ महीने तक जेल में रहे, फिर भी पद पर बने रहे। क्या जेल में रहकर सरकार चलाई जा सकती है? यही वजह है कि यह विधेयक जरूरी है।”

उन्होंने आगे कहा, “डीएमके नेता इस संशोधन को ‘काला विधेयक’ कह रहे हैं। लेकिन स्टालिन जी, आपको इसे काला कहने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि आप खुद काले काम करने वाले मुख्यमंत्री हैं।”

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