नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बिहार सहित पांच राज्यों को बड़ी सौगात दी है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद 12,328 करोड़ रुपये की लागत से चार नई रेलवे परियोजनाओं को लागू किया जाएगा। इनमें नई रेल लाइन बिछाने के साथ ट्रैक दोहरीकरण और अतिरिक्त लाइनों का निर्माण शामिल है।
इन परियोजनाओं के तहत गुजरात में देशलपार–हाजीपीर–लूना–वायोर–लखपत को जोड़ने वाली नई लाइन, तेलंगाना में सिकंदराबाद (सनथनगर) से वाडी के बीच तीसरी और चौथी लाइन, बिहार के भागलपुर–जमालपुर खंड में तीसरी लाइन तथा असम में फुरकाटिंग–न्यू तिनसुकिया सेक्शन का दोहरीकरण किया जाएगा।
सरकार का कहना है कि इन योजनाओं से यात्रियों और माल ढुलाई दोनों को तेज़ और बेहतर सुविधा मिलेगी। लॉजिस्टिक्स की लागत घटेगी, ईंधन आयात पर निर्भरता कम होगी और प्रदूषण भी घटेगा। निर्माण कार्य के दौरान लगभग 251 लाख मानव-दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होगा।
गुजरात की नई रेल लाइन कच्छ के दूरदराज़ इलाकों को मुख्य नेटवर्क से जोड़ेगी। 145 रूट किलोमीटर और 164 ट्रैक किलोमीटर वाली इस परियोजना पर 2,526 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसे तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य है। इससे जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं नमक, सीमेंट, कोयला और बेंटोनाइट जैसी वस्तुओं का परिवहन भी सुगम होगा।
रण कच्छ क्षेत्र में बनने वाली यह लाइन रणनीतिक दृष्टि से भी अहम मानी जा रही है। इसके अंतर्गत 13 नए रेलवे स्टेशन जोड़े जाएंगे, जिससे धोलावीरा के हड़प्पा स्थल, कोटेश्वर मंदिर, नारायण सरोवर और लखपत किले जैसे प्रमुख स्थल सीधे रेल नेटवर्क से जुड़ेंगे। परियोजना से 866 गांवों के लगभग 16 लाख लोगों को लाभ मिलेगा।