सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन किया है. इसमें पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. पूर्व पश्चिमी वायु सेना कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा, पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह और रियर एडमिरल मोंटी खन्ना सैन्य सेवाओं से सेवानिवृत्त अधिकारियों को इस बोर्ड में शामिल किया है. राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त दो सदस्य हैं. बी वेंकटेश वर्मा सात सदस्यीय बोर्ड में सेवानिवृत्त आईएफएस हैं.
NSAB क्या काम करता है?
एनएसएबी एक मल्टीडिसिप्लिनरी बॉडी है, जिसमें सरकार से बाहर के प्रतिष्ठित लोग शामिल होते हैं, इसका मुख्य कार्य राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को दीर्घकालिक विश्लेषण प्रदान करना तथा उनकी ओर से उठाए गए मुद्दों के लिए समाधान और उससे जुड़े हुए अलग-अलग प्लान की सिफारिश करना है.
2018 के बाद किया गया है बदलाव
2018 के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में बदलाव किया गया है. बोर्ड में सैन्य, आईपीएस और आईएफएस पृष्ठभूमि से 7 सदस्यों को शामिल किया गया है. एनएसएबी सुरक्षा विश्लेषण और सिफारिशें प्रदान करता है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के बीच, केंद्र ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (एनएसएबी) में बदलाव किया है, जिसे काफी अहम माना जा रहा है.
सरकार की 5 अहम बैठकें हुईं
आज सुबह से पीएम मोदी ने एक के बाद एक 5 बड़ी बैठकें की. इसमें सीसीएस, सीसीपीए, सीसीईए समेत केंद्रीय सचिवों की भी बैठक शामिल रही. पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और गृह मंत्री के साथ अलग से भी बैठक की. पीएम मोदी की कुल बैठकें तीन घंटे तक चलती रहीं. बैठकों दौर सुबह 11 बजे पीएम आवास शुरू हुआ था. पहलगाम हमले के बाद 23 अप्रैल को सीसीएस की पहली बैठक की गई थी.