नीट में क्या सच में चीट हुई है? सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने नीट की काउंसिलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन परीक्षा की शुचिता पर सवाल खड़े किए. यह मामला उन 10 छात्रों की याचिका पर सुना गया, जिन्होंने 1 जून को बिहार और राजस्थान के परीक्षा केंद्रों पर गलत प्रश्न पत्र बंटने के चलते गड़बड़ी होने की शिकायत की थी. छात्रों की मांग थी कि परीक्षा रद्द करके SIT जांच कराई जाए.
नीट में गडबड़ी हुई या नहीं यह एक ऐसा सवाल है जिस पर पूरे देश की नजर है. खासकर उन युवाओं की जिनके डॉक्टर बनने का सपना कभी पेपर लीक तो कभी परीक्षा में गड़बड़ी की वजह से लेट हो जाता है. कई छात्रों की तो भविष्य की गाड़ी छूट जाती है. देश में 25 करोड़ परिवारों का सीधा इस परीक्षा से रिश्ता है. इस मामले में मंगलवार को जस्टिस विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच न सुना.
कोर्ट ने कही ये बात
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम NTA को नोटिस जारी करते हैं और लंबित याचिका के साथ टैग करते हैं. ये सच है कि परीक्षा की विश्वसनीयता को चोट पहुंची है. हमें गड़बड़ियों पर जवाब चाहिए क्योंकि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है, अब 8 जुलाई को इस मामले की सुनवाई की जाएगी.
NTA ने रखा ये पक्ष
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान नीट आयोजित कराने वाली संस्था NTA ने भी अपना पक्ष रखा और नीट अंडर ग्रेजुएट परीक्षा 2024 में पेपर लीक होने के आरोप को गलत बताया. NTA ने कहा कि परीक्षा तमाम मानकों के अनुसार ही आयोजित हुई है. राजस्थान के एक सेंटर पर हिंदी की जगह अंग्रेजी का पेपर पहुंच गया था, लेकिन पेपर लीक नहीं हुआ है.
देश भर से 20 हजार से ज्यादा याचिकाएं दायर
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में नीट की काउंसिलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, लेकिन परीक्षा को क्लीन चिट नहीं दी है. नीट का ये चीट कांड कितना बड़ा है. उसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि देश के अलग-अलग राज्यों में करीब 20 हजार छात्रों ने याचिकाएं दायर करके परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत की थी. NTA कुछ भी कहे, लेकिन छात्र इस परीक्षा को अपवित्र मान चुके हैं. उन्हें यकीन है कि इसमें कुछ न कुछ गड़बड़ ज़रूर हुई है.
इसलिए उठ रहे सवाल
लखनऊ की आयुषी पटेल का आरोप है कि NTA से जो उसे OMR शीट मिली वो फटी हुई थी. पहले उसे NTA की साइट पर अपना रिजल्ट दिख रहा था. मगर अब नहीं दिख रहा. आयुषी ने खुद इस समस्या का डेमो करके दिखाया है और NTA से सवाल पूछे हैं. हालांकि NTA ने आयुषी की OMR शीट वाले आरोपों से इनकार किया है, लेकिन ये बड़ा सवाल है कि क्या वाकई नीट में चीट कांड हुआ है.
दरअसल आरोप है कि OMR शीट फाड़ी गई. कई छात्रों का रिजल्ट ऑनलाइन दिख नहीं रहा है. कई छात्रों के नंबर कम हैं. यानी OMR शीट के मुताबिक जितने नंबर मिलने चाहिए थे उतने नंबर मिले ही नहीं. इसके अलावा एक साथ 67 टॉपर हो गए जो अपने आप में विश्व रिकॉर्ड है. ये सवाल भी पूछे जा रहे हैं कि एक ही सेंटर से 8 टॉपर कैसे निकले? क्या इस सेंटर पर कोई विशेष कृपा बरस रही थी? या ये एक सुविधाजनक संयोग है. कुछ छात्रों को 718 औऱ 719 अंक भी मिले हैं. जो कि असंभव हैं.. या तो 715, या 716 या फिर 720 अंक ही मिल सकते हैं.