नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को "मन की बात" कार्यक्रम के दौरान देशवासियों से संवाद किया। उन्होंने हाल ही में मनाए गए दिवाली और वर्तमान में चल रहे छठ महापर्व का जिक्र करते हुए कहा कि ये त्योहार संस्कृति, प्रकृति और समाज की गहरी एकता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा, “छठ घाटों पर हर वर्ग का मिलना भारत की सामाजिक एकता का सबसे सुंदर उदाहरण है। इस अवसर पर मैंने देशवासियों को पत्र लिखा था, जिसमें वर्ष भर की उपलब्धियों और उत्सवों को साझा किया गया। मुझे इसके जवाब में कई संदेश मिले हैं।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर ने देशवासियों में गर्व और खुशी की भावना पैदा की है। उन्होंने कहा कि माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में भी इस बार त्योहारों का माहौल देखने को मिला, जो पहले अंधकार में डूबे हुए थे। उन्होंने लोगों के प्रयासों को सराहा, जिन्होंने आतंकवाद से बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने में मदद की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी बचत उत्सव के कारण लोगों में त्योहारों के दौरान स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी में बढ़ोतरी देखी गई। उन्होंने बताया कि खाद्य तेल की खपत में 10% की कमी करने का उनका सुझाव भी नागरिकों ने सकारात्मक रूप से अपनाया।
प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में चलाए जा रहे गार्बेज कैफे का जिक्र किया। इन कैफे में प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन दिया जाता है। अगर कोई एक किलो से अधिक प्लास्टिक लाता है तो उसे दोपहर या रात का खाना और आधा किलो प्लास्टिक लाने पर नाश्ता मिलता है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि गुजरात वन विभाग ने धोलेरा तट पर मैंग्रोव लगाने की मुहिम शुरू की थी। पांच साल में 3,500 हेक्टेयर क्षेत्र में मैंग्रोव फैले और स्थानीय इकोसिस्टम में डॉल्फिन, केकड़े, जलीय जीव और प्रवासी पक्षियों की संख्या बढ़ी। इससे मछलीपालकों को भी लाभ हुआ।
प्रधानमंत्री ने बीएसएफ और सीआरपीएफ द्वारा भारतीय नस्ल के कुत्तों के प्रशिक्षण और उनके योगदान को सराहा। उन्होंने छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित इलाके में कुत्तों द्वारा विस्फोटक का पता लगाने के उदाहरण साझा किए और देशवासियों को इन स्वदेशी कुत्तों की उपलब्धियों पर गर्व करने को कहा।
प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित होने वाली "रन फॉर यूनिटी" में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने सरदार पटेल के योगदान, स्वच्छता और राष्ट्र एकता के लिए उनके अद्वितीय प्रयासों को याद किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 'वन्देमातरम्' भारतीयों में मातृभूमि के प्रति भावना और एकता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि 7 नवंबर को इस गीत की 150वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।
प्रधानमंत्री ने भारतीय कॉफी का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि ओडिशा के कोरापुट से लेकर कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल तक भारत की कॉफी की खेती बढ़ रही है और यह विदेशों में भी लोकप्रिय हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संस्कृत वर्षों तक उपेक्षा का शिकार रही, लेकिन अब युवा वर्ग और सोशल मीडिया के माध्यम से इसे नई पहचान मिल रही है। कई युवा संस्कृत को रोचक और आधुनिक तरीके से सीखने और साझा करने में लगे हैं।