कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को SIR प्रक्रिया को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में मतदाता सूची से वैध मतदाताओं के नाम हटाने की कवायद हुई, तो इसका असर केंद्र सरकार पर भी पड़ेगा।

उत्तर 24 परगना के बनगांव में मतुआ समुदाय की सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2024 में इसी वोटर लिस्ट के आधार पर जनादेश मिला था। “अब यदि SIR के नाम पर लोगों के नाम काटे जाएंगे, तो केंद्र की सत्ता भी नहीं टिक पाएगी,” उन्होंने चेतावनी दी।

चुनाव आयोग को बताया 'भाजपा आयोग'
ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा और उसे “भाजपा आयोग” करार दिया। उन्होंने मतुआ समुदाय को भरोसा दिलाया कि जब तक वे सत्ता में हैं, किसी भी वैध मतदाता का नाम सूची से नहीं हटने दिया जाएगा। साथ ही सवाल उठाया कि यदि बांग्लादेशी घुसपैठ ही मुद्दा है, तो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में SIR लागू करने की क्या आवश्यकता थी?

उन्होंने बिहार चुनावों का उल्लेख करते हुए कहा कि “वहां विपक्ष भाजपा की चाल समझ नहीं पाया, लेकिन बंगाल में हम उनके किसी भी षड्यंत्र को सफल नहीं होने देंगे। यदि उन्होंने बंगाल को निशाना बनाया, तो हम राष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाएंगे।”

मतदाता सूची से नाम हटाने पर कड़ी चेतावनी
ममता ने कहा कि ट्रेन, विमान, सीमा चौकियां, पासपोर्ट, कस्टम—सब केंद्र सरकार के नियंत्रण में हैं। “फिर बंगाल में घुसपैठ कराने का आरोप हम पर कैसे लगाया जा सकता है?” उन्होंने सवाल किया।

उन्होंने मतुआ समुदाय को आगाह करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सीएए कार्ड के नाम पर लोगों से पैसे वसूल रही है। साथ ही दावा किया कि SIR प्रक्रिया के चलते राज्य में अब तक 35 लोगों की जान जा चुकी है।

AI से डुप्लीकेट वोटर बनाने का आरोप
मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर फर्जी मतदाता तैयार कराने का प्रयास कर रही है और इसे पार्टी की नई रणनीति बताया।

रैली समाप्त होने के बाद ममता बनर्जी ने SIR के खिलाफ ठाकुरनगर में तीन किलोमीटर लंबे पैदल मार्च का नेतृत्व किया। इससे पहले, चार नवंबर को प्रक्रिया शुरू होने के दिन भी वे कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के विरोध मार्च में शामिल हुई थीं।