सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक अहम सुनवाई के दौरान भारत के पड़ोसी देशों में हाल की अशांति का हवाला देते हुए कहा कि हमें अपने संविधान पर गर्व होना चाहिए। यह टिप्पणी संविधान पीठ की पांच जजों वाली बेंच ने की, जो राष्ट्रपति को भेजे गए संदर्भ मामले की सुनवाई कर रही थी। मामला यह था कि क्या राज्यपाल और राष्ट्रपति को विधानसभा से पारित विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समय-सीमा तय की जा सकती है या नहीं।
सुनवाई के दौरान सीजेआई गवई ने कहा, “हमारे संविधान पर गर्व होना चाहिए। देखिए हमारे पड़ोसी देशों में क्या हो रहा है।” इस पर जस्टिस विक्रम नाथ ने भी सहमति जताते हुए बांग्लादेश की हाल की घटनाओं का उल्लेख किया। इन टिप्पणियों के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने संकेत दिया कि भारत की संवैधानिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक प्रक्रिया अन्य देशों की तुलना में अधिक स्थिर और सम्मानित है।
नेपाल में हाल ही में जेन-जेड समूह के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए, जिसके चलते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद छोड़ना पड़ा। इन प्रदर्शनों में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शनकारी शामिल थे, और पुलिस कार्रवाई में कम से कम 25 लोगों की मौत हुई। इसी तरह, पिछले साल बांग्लादेश में छात्रों के विरोध प्रदर्शन ने देश की राजनीतिक स्थिति को भी हिला दिया था।