भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई की मां और वरिष्ठ अंबेडकरवादी कार्यकर्ता कमल गवई ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया है। 84 वर्षीय कमल गवई को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने एक पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि कार्यक्रम में जाने की खबर सामने आने के बाद उन पर और उनके दिवंगत पति दादासाहेब गवई पर अम्बेडकरवादी विचारधारा छोड़ने के आरोप लगाए गए, जिससे वे गहरे आहत हुईं।

कमल गवई ने पत्र में लिखा कि उन्होंने और उनके पति ने अपना पूरा जीवन बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों को मानकर जिया है। दादासाहेब गवई, जो बिहार के राज्यपाल भी रहे, ने अंबेडकर आंदोलन को समर्पित जीवन जिया और अलग विचारधारा वाले मंचों पर भी केवल अपने विचारों को ही रखा। उन्होंने कहा कि “यदि मैं आरएसएस कार्यक्रम के मंच पर जाती, तो वहीं से अंबेडकरवादी विचारधारा को ही सामने रखती। लेकिन जिस तरह मेरे और मेरे पति के बारे में सवाल उठाए गए, उसने मुझे गहरी पीड़ा दी है।”

कमल गवई ने यह भी बताया कि वे स्वास्थ्य कारणों से इलाज करा रही हैं और ऐसे में किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहतीं। उन्होंने दोहराया कि उनका पूरा जीवन अंबेडकरवादी विचारधारा के लिए समर्पित रहा है और किसी परिस्थिति में उससे विचलित नहीं हो सकतीं।

उन्होंने कार्यक्रम में न जाने का निर्णय लेते हुए कहा कि अब इस विवाद को समाप्त करना ही उचित होगा।