कांग्रेस ने एक बार फिर आरक्षण के मुद्दे को उठाते हुए केंद्र सरकार से मांग की है कि देश के निजी और गैर-अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण को लेकर कानून बनाया जाए। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि शिक्षा, महिला, बाल, युवा एवं खेल संबंधी संसदीय स्थायी समिति (Standing Committee) ने अनुच्छेद 15 (5) को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए नए कानून की सिफारिश की थी।

संविधान में संशोधन के जरिए किया गया आरक्षण का प्रावधान

जयराम रमेश ने अपने बयान में कहा कि संविधान का अनुच्छेद 15 (5) सरकार को यह अधिकार देता है कि वह सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए विशेष प्रावधान बनाए। इन प्रावधानों में सार्वजनिक और निजी, दोनों ही तरह के शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का प्रावधान भी शामिल है, हालांकि यह अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों पर लागू नहीं होता।

कांग्रेस ने फिर दोहराई अपनी मांग

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान यह वादा किया था कि निजी शिक्षण संस्थानों में संविधान के अनुच्छेद 15 (5) को लागू करने के लिए कानून बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि संसदीय स्थायी समिति ने भी उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित अपनी 364वीं रिपोर्ट में अनुच्छेद 15 (5) को प्रभावी बनाने के लिए नए कानून की सिफारिश की थी। कांग्रेस अब फिर से इस मांग को दोहरा रही है।

उन्होंने बताया कि संविधान (93वां संशोधन) अधिनियम 2005 को 20 जनवरी 2006 से लागू किया गया था, जिसके जरिए अनुच्छेद 15 (5) जोड़ा गया। इस अनुच्छेद के तहत सरकार को यह अधिकार दिया |