कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर उठे विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। पार्टी ने पूर्व सांसद और नेता एल. आर. शिवारमे गौड़ा तथा एचडी रंगनाथ को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर अपने बयान का स्पष्टीकरण देने को कहा है। यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि दोनों नेताओं ने पार्टी की अनुमति के बिना मीडिया में बयान देकर पार्टी की छवि को प्रभावित किया।
कांग्रेस के उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता डी. के. शिवकुमार ने पार्टी के सदस्यों को स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी भी प्रकार की सार्वजनिक चर्चा पार्टी के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि सत्ता साझा करने या मुख्यमंत्री पद के भविष्य पर कोई बयान देने की अनुमति नहीं है।
नोटिस में कहा गया है कि शिवारमे गौड़ा और रंगनाथ की टिप्पणियों ने पार्टी अनुशासन का उल्लंघन किया है। सांसद जी. सी. चंद्रशेखर ने भी दोहराया कि पार्टी के सदस्य बिना अनुमति कोई निर्णय या बयान नहीं दे सकते।
शिवकुमार ने इस मौके पर विपक्ष पर भी तंज कसते हुए कहा कि भाजपा अपनी आंतरिक कलह सुलझाए, जबकि कांग्रेस केवल राष्ट्र की स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर ध्यान देती है। उन्होंने राज्य की सामाजिक विविधता और सभी धर्मों के सम्मान का भी हवाला दिया।
पूर्व सांसद शिवारमे गौड़ा ने हाल ही में कहा था कि डी. के. शिवकुमार कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे और पार्टी उच्च कमान के निर्णयों के अनुसार काम करेगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और शिवकुमार को दो-दो वर्षों का समय मिलेगा।
कांग्रेस का कहना है कि अनुशासन बनाए रखना और उच्च कमान के फैसलों का पालन करना प्राथमिकता है, और इस कदम को पार्टी के भीतर अटकलों और अनुशासनहीनता को रोकने के लिए अहम माना जा रहा है।