बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस विधायक शिवगंगा बसवराज अपने विवादित बयान को लेकर विपक्ष और महिला संगठनों के निशाने पर आ गए हैं। चन्नागिरी से विधायक बसवराज ने वन विभाग की महिला अधिकारी पर अनुचित टिप्पणी की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

जानकारी के मुताबिक, यह टिप्पणी तब की गई जब वन अधिकारी श्वेता, जो वर्तमान में गर्भवती हैं, कर्नाटक डेवलपमेंट प्रोग्राम (केडीपी) की त्रैमासिक समीक्षा बैठक में शामिल नहीं हो सकीं। बैठक के दौरान जब विधायक को उनकी अनुपस्थिति का कारण बताया गया, तो उन्होंने कहा, “अगर वह गर्भवती हैं तो छुट्टी पर चली जाएं। काम भी करना चाहती हैं, वेतन भी लेना चाहती हैं, और जब बुलाया जाए तो छुट्टी चाहिए — यह सही नहीं है।”

उन्होंने आगे कहा कि “गर्भावस्था कोई बहाना नहीं होती, मातृत्व अवकाश का प्रावधान है। आखिरी दिन तक वेतन और भत्ते चाहिए, लेकिन काम से बचने के लिए डॉक्टर का हवाला देती हैं — शर्म आनी चाहिए।” बैठक में मौजूद अधिकारियों से उन्होंने संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।

इस बयान के सामने आने के बाद महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विधायक की टिप्पणी की तीखी निंदा की है। उनका कहना है कि इस तरह की टिप्पणी न सिर्फ महिलाओं के प्रति असंवेदनशील है बल्कि कार्यस्थल पर सम्मानजनक व्यवहार के मूल्यों के खिलाफ है।

वहीं, विधायक बसवराज ने इस विवाद पर अब तक कोई सफाई नहीं दी है। मामला राजनीतिक रंग ले चुका है और भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की सरकार को महिलाओं के सम्मान के मुद्दे पर घेरने की तैयारी शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि हाल ही में राज्य सरकार ने महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान महीने में एक दिन पेड लीव देने की नीति लागू की थी, ऐसे में विधायक का यह बयान सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर रहा है।