कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने गुरुवार को आरएसएस के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि केवल सिक्का जारी करने से आरएसएस की तारीफ करना उचित नहीं है। उनका कहना था कि आरएसएस एक ऐसा संगठन है, जिसके इतिहास में महात्मा गांधी के प्रति हिंसा और सरदार पटेल द्वारा लगाए गए प्रतिबंध जैसी घटनाएँ जुड़ी हुई हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी ने आरएसएस को “तानाशाही सोच के साथ एक सांप्रदायिक संगठन” बताया था। जयराम रमेश ने इसे प्यारे लाल द्वारा लिखित गांधीजी की जीवनी का हवाला देते हुए साझा किया। प्यारे लाल गांधीजी के निकटतम सहयोगियों में शामिल थे और 1942 में महादेव देसाई के निधन के बाद उनके सचिव बने थे।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आरएसएस के 100 साल पूरे होने पर इतिहास और तथ्य को नजरअंदाज करना सही नहीं है, और देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल द्वारा संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध को भी याद रखना जरूरी है।
 
                 
                 
                 
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                     
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        