नई लोकसभा में कांग्रेस चार संसदीय समितियों की अध्यक्षता करेगी। सरकार के साथ लंबी बातचीत के बाद लोकसभा में विपक्षी दल कांग्रेस को लोकसभा में विदेश, ग्रामीण विकास, कृषि और राज्यसभा में शिक्षा संबंधी स्थायी समिति की अध्यक्षता मिली है। हालांकि कांग्रेस को पांच समितियों की अध्यक्षता मिलने की उम्मीद थी।
संसद की विभाग-संबंधित स्थायी समितियां विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों से निपटती हैं और उनके बजटीय आवंटन और संसद में पेश किए गए विधेयकों की जांच करती हैं। समितियां सरकार को अहम मुद्दों पर बिल लाने और नीतियां बनाने की भी सलाह देती हैं। विभाग से संबंधित स्थायी समितियों की अध्यक्षता को लेकर सरकार और विपक्ष में काफी समय से बातचीत चल रही थी। दोनों के बीच विदेश, रक्षा, वित्त और गृह जैसी प्रमुख समितियों पर नियंत्रण को लेकर कड़ा मुकाबला था।
अभी तक कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने राज्यसभा की पर्यावरण वन संबंधी स्थायी समिति और अभिषेक सिंघवी ने वाणिज्य संबंधी समिति की अध्यक्षता की। इसके साथ ही शशि थरूर ने रसायन एवं उर्वरक विभाग से संबंधित समिति की अध्यक्षता की जिम्मेदारी संभाली थी। शशि थरूर ने सितंबर 2014 और मई 2019 के बीच विदेश मामलों पर पैनल का नेतृत्व किया था। बताया जाता है कि लोकसभा के गठन के बाद स्थायी समितियों के गठन में समाजवादी पार्टी, द्रमुक और तृणमूल कांग्रेस को भी एक-एक स्थायी समिति की अध्यक्षता की जिम्मेदारी मिल सकती है।
संसद में विभागों से संबंधित कुल 24 स्थायी समितियां हैं। लोकसभा के तहत 16 और राज्यसभा के तहत आठ स्थायी समिति होती हैं। इनमें से प्रत्येक समिति में 31 सदस्य होते हैं। 21 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से होते हैं। जिन्हें दलों की सलाह पर लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति नामित करते हैं। इन समितियों का कार्यकाल एक वर्ष का होता है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने हाल ही में कहा था कि स्थायी समितियों के गठन में कोई देरी नहीं हुई है और परंपरा के अनुसार सितंबर महीने के अंत तक उनका गठन किया जाएगा।