देश को आज 15वां उपराष्ट्रपति मिल गया। भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को भारत का नया उपराष्ट्रपति चुना गया। 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 767 सांसदों ने मतदान किया। राधाकृष्णन को 452 वोट प्राप्त हुए, जबकि इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट ही मिले। इस प्रकार राधाकृष्णन ने 152 वोट के अंतर से जीत हासिल की। इस चुनाव में 15 वोट अमान्य घोषित किए गए।
सभी सदनों को मिलाकर भारत की संसद में कुल 788 सीटें हैं, जिनमें से वर्तमान में 7 सीटें खाली हैं। कुल 781 सांसदों को वोट करना था, जिनमें से 13 सांसद गैरहाजिर रहे। इनमें BRS के 4, BJD के 7, SAD के 1 और 1 निर्दलीय सांसद शामिल थे। पंजाब की खडूर साहिब सीट से सांसद अमृतपाल सिंह ने पोस्टल बैलेट के जरिए वोट नहीं दिया। कुल मिलाकर मतदान का प्रतिशत 98.2 फीसदी रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राधाकृष्णन को जीत की बधाई दी और कहा कि उनका जीवन हमेशा समाज सेवा और गरीबों-हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित रहा है। मोदी ने विश्वास जताया कि वे एक उत्कृष्ट उपराष्ट्रपति बनेंगे और संवैधानिक मूल्यों तथा संसदीय संवाद को मजबूत करेंगे। राधाकृष्णन की जीत के बाद उनके घर तिरुप्पुर में खुशियों का माहौल देखा गया।
उपराष्ट्रपति चुनाव में राधाकृष्णन की बंपर जीत के बाद उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित सत्ता और विपक्ष के कई नेताओं ने बधाई दी। खरगे ने उम्मीद जताई कि राधाकृष्णन सदन के मूल्यों को बनाए रखेंगे।
सीपी राधाकृष्णन कौन हैं?
महाराष्ट्र के राज्यपाल रहने से पहले राधाकृष्णन झारखंड के राज्यपाल (18 फरवरी 2023 – 30 जुलाई 2024) रहे। वे कोयंबटूर से दो बार सांसद रह चुके हैं। उनका जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तिरुप्पुर, तमिलनाडु में हुआ था। उन्होंने 2003 से 2006 तक तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष के रूप में पार्टी को मजबूत किया और विभिन्न संवैधानिक पदों पर कार्य किया। राधाकृष्णन की संघ में भी गहरी पकड़ रही है; वे 16 साल की उम्र में 1973 में RSS से जुड़े थे। उनका नाम 17 अगस्त को बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में आधिकारिक तौर पर घोषित किया गया था।