विदेशों में बैठकर भारत के खिलाफ एजेंडा चलाने वालों के खिलाफ भारत ने कार्रवाई तेज कर दी है। बीते दिनों ही सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू की संपत्ति जब्त की गई। अब कहा जा रहा है कि खालिस्तान समर्थक तत्वों के विदेशी फंडों की जांच की जाएगी। इसके साथ ही ओसीआई कार्ड भी रद्द किए जाएंगे। इसके रद्द हो जाने से कार्ड धारकों को मिलने वाली छूट भी खत्म हो जाएगी।
इस बीच सवाल उठते हैं कि आखिर भारत खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ क्या कदम उठा रहा है? ओसीआई कार्ड रद्द करने की योजना है, तो ये कार्ड हैं क्या? इससे क्या छूट मिलती है? आइये समझते हैं..
खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ अभी तक क्या कदम उठाए गए?
भारतीय एजेंसियों ने शनिवार को खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। पन्नू की चंडीगढ़ स्थित कोठी और अमृतसर स्थित जमीन को एनआईए ने कोर्ट के आदेशों के बाद अटैच कर दिया। पन्नू की संपत्ति पर यह कार्रवाई अमृतसर में दर्ज देशद्रोह के एक मामले को लेकर की गई। गृह मंत्रालय ने पन्नू को आतंकी घोषित कर रखा है।
आतंकियों-गैंगस्टरों के खिलाफ विशेष अभियान
कनाडा में छिपे खालिस्तान समर्थक आतंकियों और पंजाब के गैंगस्टरों का नेटवर्क तोड़ने के लिए गैंगस्टरों-आतंकियों समेत उनके मददगारों के ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं। पंजाब पुलिस के साथ एनआईए समेत केंद्रीय एजेंसियां इस ऑपरेशन में शामिल हैं। एजेंसियों की निगाह उन लोगों पर भी है जो विदेश में छिपे आतंकियों और गैंगस्टरों की मदद कर रहे हैं। पुलिस ने ऐसे लोगों का रिकॉर्ड जुटा लिया है।
पाकिस्तान में छिपे आतंकी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस
खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ अब इंटरपोल ने भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पाकिस्तान में छिपे आतंकी करणवीर सिंह के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक वह पाकिस्तान में छिपे आतंकी वाधवा सिंह और हरविंदर सिंह का करीबी है। यह उनके इशारे पर ही काम करता है। उसे दोनों आंतकियों का राइट हैंड माना जाता है।
आगे क्या है कार्रवाई की तैयारी?
एनआईए ने कनाडा, यूके, यूएस और दुबई में छिपे 19 भगोड़े खालिस्तानी आतंकियों की एक सूची तैयार की गई है। पुराने दर्ज केसों में अब इनकी संपत्ति जब्त की जा सकती है। इसके लिए एनआईए की टीमें केसों की स्टडी में जुट गई हैं। जिन लोगों के नाम इस सूची में शामिल हैं, उन सब पर देश विरोधी गतिविधियों के आरोप हैं।
भारत सरकार एक दर्जन से अधिक ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड धारकों के पंजीकरण को रद्द करने की प्रक्रिया में है। यह कार्रवाई खालिस्तान समर्थक और देश विरोधी प्रचार में शामिल तत्वों के खिलाफ होने जा रही है।
क्या होते हैं ओसीआई कार्ड?
विदेश में बसे और वहां की नागरिकता ले चुके भारतीय लोगों के लिए एक खास तरह की सुविधा का नाम है ओसीआई कार्ड। ओसीआई को भारत के विदेशी नागरिक कार्ड भी कहा जाता है। अगस्त 2005 में भारतीय प्रवासी नागरिकों को शामिल करने के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया गया था।
दरअसल, दुनिया के कई देशों में दोहरी नागरिकता की सुविधा है, लेकिन भारतीय नागरिकता कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति किसी और देश की नागरिकता ले लेता है तो उसे अपनी भारतीय नागरिकता छोड़नी पड़ती है, ऐसे लोगों की संख्या लाखों में है जो अमेरिका, ब्रिटेन या कनाडा जैसे देशों की नागरिकता ले चुके हैं लेकिन उनका भारत से जुड़ाव बना हुआ है।
इन लोगों को भारत की नागरिकता छोड़ने के बाद भारत आने के लिए वीजा लेना पड़ता था। ऐसे ही लोगों की सुविधा का ख्याल करते हुए भारत सरकार ने प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर 2006 में ओसीआई कार्ड देने की घोषणा की।
ओसीआई किसे मिल सकता है और इसके लाभ क्या हैं?
व्यक्ति या तो पहले भारत का नागरिक रहा हो, या उसके माता या पिता भारतीय नागरिक रहे हों। पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, अफगानिस्तान और ईरान कुछ ऐसे देश हैं, जहां के भारतीय मूल के लोगों को यह सुविधा नहीं मिल सकती।
ओसीआई एक तरह से भारत में जीवन भर रहने, काम करने और सभी तरह के आर्थिक लेन-देन करने की सुविधा देता है। इसके साथ ही ओसीआई धारक व्यक्ति जब चाहे बिना वीजा के भारत आ सकता है। ओसीआई कार्ड जीवनभर के लिए मान्य होता है। विदेश से आने वाले लोगों को 90 दिन से अधिक भारत में रहने पर पुलिस में रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है लेकिन ओसीआई कार्ड धारक को इससे छूट मिल जाती है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, अब तक 20 लाख से ज्यादा लोगों को ओसीआई कार्ड जारी किया जा चुका है।
इन अधिकारों से वंचित रहते हैं ओसीआई कार्ड धारक
गृह मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, ओसीआई कार्ड के धारकों के पास भारतीय नागरिकों की तरह सभी अधिकार हैं लेकिन चार चीजें वे नहीं कर सकते...
- चुनाव नहीं लड़ सकते।
- वोट नहीं डाल सकते।
- सरकारी नौकरी या संवैधानिक पद पर नहीं हो सकते।
- खेती वाली जमीन नहीं खरीद सकते।
ओसीआई कार्ड कब रद्द होते हैं?
ओसीआई कार्ड रद्द करने के मामले कम देखने को मिलते हैं। खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट के आधार पर नियमों के उल्लंघन में पाए जाने के बाद ये कार्ड रद्द किए जाते हैं। अब तक जारी किए गए 40 लाख से भी ज्यादा ओसीआई कार्डों में से केवल 150 को ही रद्द किया गया है।