कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के वित्तीय अनियमितता मामले की जांच कर रही ईडी ने दावा किया है कि भ्रष्टाचार के धन को स्थानांतरित करने के लिए 10 फर्जी कंपनियां खोली गई थीं, जो सिर्फ कागज कलम पर थीं।

घोष के रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी कंपनियां

ईडी के मुताबिक ये कंपनियां अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम पर खोली गई थीं। इन कंपनियों के खातों का इस्तेमाल कर पैसों की हेराफेरी की गई। ईडी को कंपनियों के कई निदेशकों के नाम भी मिले हैं। इनसे जल्द पूछताछ की जाएगी। 

संदीप घोष के करीबियों पर सीबीआई की नजर

महिला चिकित्सक के साथ हुई दरिंदगी की वारदात के बाद घटनास्थल से लेकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया करने तक अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के कई करीबी उपस्थित थे। इनमें डाक्टर, वकील शामिल हैं। इन पर सीबीआइ की नजर है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी ने उपस्थिति को लेकर इनसे पूछताछ भी की है। 

वहीं दूसरी ओर वर्ष 2017 में हांगकांग के एक अस्पताल के यौन उत्पीड़न के मामले में संदीप घोष को गिरफ्तार किया गया था।