ओडिशा में मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण की तारीख में बदलाव हुआ है. पहले शपथ ग्रहण कार्यक्रम 10 जून को होने वाला था, लेकिन अब ये 12 जून को होगा. 11 जून को विधायक दल की बैठक बुलाई गई है. बीजेपी ने इस बार 147 सीटों वाले ओडिशा विधानसभा में 78 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है. राज्य के मुख्यंमत्री के शपथ ग्रहण को लेकर तैयारियां काफी ज्यादा तेज हो गई हैं. अभी तक बीजेपी की तरफ से सीएम पद के दावेदार के नाम का ऐलान नहीं हुआ है.
नरेंद्र मोदी रविवार (9 जून) शाम तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले हैं. उनके शपथ ग्रहण के बाद ही ओडिशा के मुख्यमंत्री का नाम फाइनल किया जाएगा. बीजेपी ओडिशा प्रमुख मनमोहन सामल ने मुख्यमंत्री के नाम को लेकर हुए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि दो दिन और इंतजार करना होगा. उन्होंने बताया कि अभी उन्हें राज्य के अगले मुख्यमंत्री के बारे में कोई जानकारी नहीं है. बीजेपी ने ओडिशा की 21 लोकसभा सीटों में से 20 पर जीत हासिल की है.
मुख्यमंत्री की रेस में कौन-कौन शामिल है?
ओडिशा के मुख्यमंत्री बनने की रेस में सबसे पहला नाम धर्मेंद्र प्रधान का है, जिन्हें हाल ही में संबलपुर लोकसभा सीट से जीत मिली है. हालांकि, उनके मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री के भी बनने के आसार नजर आ रहे हैं. इसी तरह से ओडिशा बीजेपी प्रमुख मनमोहन सामल भी एक दावेदार हैं, लेकिन जो बात उनके खिलाफ काम करती है वह ये है कि वह चुनाव हार चुके हैं. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक और जम्मू-कश्मीर के एलजी गिरीश चंद्र मुर्मू भी सीएम बनने की रेस में हैं.
इसके अलावा छह बार के विधायक केवी सिंह देव भी सीएम रेस में शामिल हैं. मोहन मांझी के नाम की भी चर्चा हो रही है, जो एक कुशल नेता होने के साथ-साथ आदिवासी लोगों की आवाज उठाने वाले राजनेता के तौर पर पहचाने जाते हैं. राबी नारायण नाइक भी ऐसे ही एक नेता हैं, जो आदिवासी मुद्दों को उठाते रहे हैं.