रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को भारतीय वायु सेना के कमांडरों के सम्मेलन में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने भारतीय वायु सेना के अधिकारियों को सलाह दी। उन्होंने कहा कि वायु सेना के क्षमता विकास पर ध्यान देने की जरूरत है। सेना की प्रक्रिया को कुशल और प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने देश की संप्रभुता की रक्षा में समर्पण और व्यावसायिकता के लिए वायु सेना के बल की सराहना की।
रक्षा मंत्री ने सैन्य क्षेत्र में उत्पन्न होती चुनौतियों के अनुरूप ढलने की वायु सेना की क्षमता पर विश्वास जताया। साथ ही कमांडरों और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से भारत के राष्ट्रीय लक्ष्यों और आकांक्षाओं के अनुरूप क्षमता निर्माण की प्रक्रिया को अधिक कुशल और प्रभावी बनाने के साधनों पर विचार करने का आह्वान किया।
सम्मेलन में भारतीय वायु सेना के कमांडरों ने राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों, जिसमें चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति समेत कई मुद्दों की समीक्षा की। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमताओं के बारे में जानकारी दी गई।
सम्मेलन को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने भी संबोधित किया। कमांडरों का सम्मेलन भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ नेतृत्व के लिए चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने और बेहतर परिचालन के साथ भविष्य की कार्रवाइयों की रणनीति बनाने के लिए चर्चा करने का अहम मंच है।