उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार घोषित किया है। विपक्ष का कहना है कि यह मुकाबला केवल एक पद के लिए नहीं, बल्कि संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की लड़ाई है। बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक साथ खड़े होकर रेड्डी की उम्मीदवारी का समर्थन किया और यह संदेश दिया कि विपक्ष संविधान विरोधी ताकतों के खिलाफ निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि यह चुनाव संविधान को बचाने वालों और उस पर चोट करने वालों के बीच की जंग है। उन्होंने बताया कि रेड्डी ने तेलंगाना में जातीय जनगणना पर काम किया और सामाजिक न्याय को लेकर ठोस दृष्टिकोण तैयार किया। राहुल ने साझा किया कि जब उन्होंने रेड्डी से बातचीत की, तो उनकी जेब में संविधान की प्रति थी। रेड्डी ने बताया कि वे पिछले 52 साल से इसे अपने साथ रखते हैं क्योंकि किसी भी कानूनी बहस का अंतिम समाधान संविधान ही है। राहुल के अनुसार, यही संकल्प आज देश को चाहिए।
खरगे का भाजपा पर हमला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि बीते 11 सालों में भाजपा ने अपने बहुमत का दुरुपयोग करते हुए संसद की परंपराओं को कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ईडी, आयकर और सीबीआई जैसी संस्थाओं को विपक्षी नेताओं के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल किया। साथ ही नए कानूनों को विपक्षी राज्य सरकारों को अस्थिर करने का साधन बना दिया गया। खरगे ने कहा कि संसद में विपक्ष की आवाज़ दबाई जाती है और जनता से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा तक नहीं होने दी जाती।
रेड्डी की उम्मीदवारी को विपक्ष ने बताया प्रतीकात्मक
खरगे ने जोर देकर कहा कि मौजूदा दौर में बी. सुदर्शन रेड्डी का नाम विपक्ष की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनका जीवन और कार्य संविधान की आत्मा को परिलक्षित करते हैं—न्याय, करुणा और नागरिक सशक्तिकरण। विपक्षी दलों का मानना है कि रेड्डी उपराष्ट्रपति पद पर रहते हुए लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और देश को एकता व न्याय की नई दिशा देंगे।
इंडिया गठबंधन की रणनीति
इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संसद भवन के केंद्रीय हॉल में रेड्डी से मुलाकात की और चुनावी रणनीति पर चर्चा की। विपक्ष का कहना है कि भाजपा इस चुनाव को सत्ता का खेल मान रही है, जबकि उनके लिए यह लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं की मजबूती का सवाल है। सभी दलों ने सर्वसम्मति से रेड्डी के समर्थन का ऐलान किया और सांसदों से अपील की कि वे इस प्रयास में साथ खड़े हों। विपक्षी नेताओं का कहना है कि अब समय आ गया है जब संसद में सत्ता के दुरुपयोग और विपक्ष की आवाज़ को दबाने की कोशिशों के खिलाफ कड़ा संदेश दिया जाए।