केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक अहम जानकारी दी है। मंत्रालय ने बताया है कि 51 यात्रियों को अलग अलग उड़ानों में दुर्व्यवहार के लिए नो फ्लाई लिस्ट (No-Fly List) में रखा गया है। यानी 51 यात्रियों को उड़ान से प्रतिबंधित किया गया है। दरअसल, नागरिक उ्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने उड़ान के दौरान गलत व्यवहार करने वाले यात्रियों के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। इसमें दुर्व्यवहार करने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगाने का नियम भी शामिल है।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने पेश किए आंकड़े
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने राज्यसभा में इसे लेकर कुछ आंकड़े भी जारी किए हैं। बताया गया है कि बीते पांच वर्षों में कुल 300 यात्रियों को नो फ्लाई लिस्ट में रखा गया है। इनमें इस वर्ष एक जुलाई अब तक 51 यात्री भी शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 में 110 यात्रियों को नो फ्लाई लिस्ट में रखा गया था।
इसके अलावा वर्ष 2022 में 63, वर्ष 2021 में 66 और वर्ष 2020 में 10 यात्रियों को वो फ्लाई लिस्ट में रखा गया था। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने एक लिखित जवाब में कहा है कि उड़ान के दौरान विमान और यात्रियों की सुरक्षा के लिए कुछ नियम तैयार किए गए हैं। इसके अलावा उड़ान के दौरान गैरकानूनी और गलत व्यवहार करने वाले यात्रियों के लिए भी नियम बनाए गए हैं।
मुरलीधर मोहोल ने आगे बताया कि एयरलाइन को संचालित करने के लिए लागत घटती-बढ़ती रहती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन्हें संचालित करने के लिए अलग अलग कारणों पर ध्यान देना पड़ता है। इसमें सबसे जरूरी कारण एविएशन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) भी है। मोहोल ने आगे बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में एटीएफ की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता रहता है। एयरलाइन के संचालन के लिए लागत का 40 फीसदी हिस्सा एटीएफ की कीमतों पर निर्भर होता है।
घरेलू एयरलाइंस ने इस साल मई के अंत तक 7,030 उड़ानें रद्द कीं
सरकार ने बताया कि घरेलू एयरलाइंस ने इस वर्ष 31 मई तक 7,030 उड़ानें रद्द की हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा सोमवार को राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2024 में एयरलाइंस को 4,56,919 रवानगी उड़ानों का संचालन करना है। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि 2022 में 6,413 उड़ानें रद्द की गईं। यह संख्या 2023 में बढ़कर 7,427 हो गई तथा इस वर्ष यानी 2024 में 31 मई तक 7,030 उड़ानें रद्द की गईं।
डिजी यात्रा को लेकर मुरलीधर मोहोल ने क्या कहा?
मोहोल ने ‘डिजी यात्रा’ के बारे में एक सवाल के जवाब में बताया कि इसे देश भर के हवाई अड्डों पर चरणबद्ध तरीके से शुरू करने की योजना है। इसकी शुरुआत के बाद से, 2.5 करोड़ से अधिक हवाई यात्रियों ने डिजी यात्रा का उपयोग किया है। उन्होंने बताया कि डिजी यात्रा ‘फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी’ (एफआरटी) पर आधारित है। यह हवाई अड्डों पर विभिन्न जांच बिंदुओं पर यात्रियों की संपर्क रहित, निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करती है।
मोहोल ने कहा, ‘यात्रियों के आंकड़े उनके स्मार्टफोन वॉलेट में जमा होते हैं और केवल मूल हवाई अड्डे के साथ, सीमित समय अवधि के लिए साझा किए जाते हैं, जहां यात्री की आईडी की पुष्टि करने की आवश्यकता होती है। उड़ान के प्रस्थान के 24 घंटे बाद आंकड़े को सिस्टम से हटा दिया जाता है।’