डीजीसीए ने प्रतिकूल मौसम के कारण अत्यधिक देरी की वजह से उड़ानों के रद्द होने की स्थिति में विमानन कंपनियों के लिए एसओपी (Standard operating procedure) जारी किया है। डीजीसीए ने सिविल एविशशन रिक्वायरमेंट (सीएआर) खंड-3, सीरीज एम भाग-IV जारी किया है। इसमें विमान में सवार होने से मना किए जाने, उड़ानों के रद्द होने तथा उड़ानों में विलंब होने के कारण एयरलाइनों की ओर से यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं का जिक्र किया गया है।
सभी विमानन कंपनियों को सीएआर के प्रावधानों का करना होगा अनुपालन
विमानन कंपनियों को उड़ान टिकटों पर सीएआर के बारे में जानकारी प्रकाशित करने के लिए भी कहा गया है। डीजीसीए ने बताया है कि सभी विमानन कंपनियों के लिए सीएआर के प्रावधानों का अनुपालन करना अनिवार्य किया गया है।
डीजीसीए के नए एसओपी के अनुसार एयरलाइनों को अपनी उड़ानों की देरी के बारे में रियल टाइम सूचना प्रकाशित करनी होगी। यह सूचना एयरलाइन की संबंधित वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी। इसके अलावे विमानन कंपनियों को एसएमएस/व्हाट्सएप और ईमेल के जरिए प्रभावित यात्रियों को अग्रिम जानकारी देनी होगी।
विमान की देरी के बारे में यात्रियों को देनी होगी पूरी सूचना
हवाई अड्डों पर प्रतीक्षा कर रहे यात्रियों के लिए उड़ान में देरी के बारे में अद्यतन जानकारी प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है। एयरलाइन को हवाई अड्डों पर यात्रियों से संवाद स्थापित करने के लिए अपने कर्मचारियों को पर्याप्त संख्या में तैनात करना होगा, ताकि यात्रियों का लगातार मार्गदर्शन किया जा सके और उन्हें विमानों की देरी की स्थिति के बारे में सूचित किया जा सके।
पर्याप्त समय रहते उड़ान रद्द करें विमानन कंपनियां
डीजीसीए के अनुसार कोहरे और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों को देखते हुए विमानन कंपनियां उड़ानों को पर्याप्त समय रहते रद्द कर सकती हैं। तीन घंटे से अधिक की देरी होने की स्थिति में उड़ानों को रद्द किया जा सकता है।
हवाई अड्डों पर कोहरे के कारण हो रही परेशानी के कारण जारी किया गया एसओपी
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि दिल्ली समेत विभिन्न हवाई अड्डों पर कोहरे और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण उड़ानों में देरी और उनके रद्द होने से यात्रियों को हो रही असुविधा को देखते हुए एसओपी जारी किए गए हैं। इससे पहले नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि उड़ान संचालन में कोहरे से संबंधित व्यवधानों को कम करने के लिए सभी हितधारक चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।