कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी द्वारा नई शिक्षा नीति (NEP) और पीएम श्री स्कूलों को लेकर की गई आलोचना पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी का बयान शिक्षा सुधारों की समझ की कमी और राजनीतिक अवसरवाद को दर्शाता है।

प्रधान ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 और प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PM SHRI) कार्यक्रम देश के शैक्षिक भविष्य की नींव हैं। “ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान न केवल तथ्यों को तोड़-मरोड़ते हैं, बल्कि उन लाखों शिक्षकों, शिक्षाविदों और नागरिकों का भी अपमान करते हैं जिन्होंने इन ऐतिहासिक सुधारों को आकार दिया,” उन्होंने कहा।

केंद्रीय मंत्री के अनुसार, देश बीते तीन दशकों से ऐसे व्यापक शिक्षा सुधारों की प्रतीक्षा कर रहा था, जो युवाओं को 21वीं सदी की वैश्विक चुनौतियों के लिए तैयार कर सकें। स्वर्गीय वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन के मार्गदर्शन में तैयार की गई NEP-2020 देश की सबसे व्यापक और समावेशी नीति निर्माण प्रक्रिया का परिणाम है, जिसमें लाखों शिक्षकों, छात्रों और शिक्षा संस्थानों की भागीदारी रही।

प्रधान ने बताया कि यह नीति भारतीय सभ्यता की जड़ों से जुड़ी हुई है और शिक्षा में समानता, समावेशिता, गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि पीएम श्री स्कूल इस विजन का जीवंत उदाहरण हैं — जहाँ स्मार्ट क्लासरूम, अटल इनोवेशन लैब, डिजिटल लर्निंग, पर्यावरण-अनुकूल परिसर और कौशल विकास को प्राथमिकता दी जा रही है।

प्रधान के अनुसार, “ये स्कूल भारतीय शिक्षा के भविष्य की पहचान बन रहे हैं — जो परंपरा और तकनीक, नवाचार और नैतिकता को साथ लेकर चल रहे हैं।”

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि “अब शिक्षा नीति को आगे बढ़ाने के लिए किसी राजनीतिक परिवार की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है। वर्षों तक शिक्षा को केवल राजनीतिक मुद्दा बनाकर छोड़ दिया गया, लेकिन अब जब ठोस सुधार लागू हो रहे हैं, तो कुछ लोग इसे स्वीकारने की बजाय नाराजगी जता रहे हैं।”