डेमचोक-देपसांग में डिसएंगेजमेंट पूरा, लेकिन एलएसी पर अब भी टकराव के कई बिंदू

भारत-चीन सीमा पर दो इलाकों में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया लगभग पूरी होने की कगार पर है. डेमचोक और देपसांग में दोनों देशों की सेनाएं अस्थायी चौकी, शेड्स, टेंट्स और अन्य चीजें लगभग हटाई जा चुकी हैं. सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, अब इस बात का वेरिफिकेशन हो रहा है कि डिसएंगेजमेंट पूरा हो चुका है या नहीं. आर्मी के द्वारा यह प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. फिजिकल वेरिफिकेशन के अलावा ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है. इसके बाद दोनों सेनाओं के आपसी समन्वय से आने वाले दिनों में गश्त शुरू होगी.

लेकिन यहां समझने वाली बात ये होगी कि LAC पर पहले वाली स्थिति तब मना जाएगी जब तीन D यानी डिसएंगेजमेंट, डीएस्केलेशन और डीइंक्शन पूरा हो जाए. अभी भारत और चीन के बीच बनी सहमति के हिसाब से देपसांग और डेमचोक में डिसएंगेजमेंट होने पर पहला D ही लगभग पूरा हो रहा है. डिसएंगेजमेंट यानी सैनिकों का आमने-सामने से हटना. दूसरी स्टेज है डीएस्केलेशन, जिसका मतलब है कि दोनों देशों के सैनिक, सैन्य साजोसामान, हथियार को सामान्य स्थिति में लाना. तीसरा डी यानी तीसरा स्टेज है डीइंडक्शन.

बफर जोन पर सहमति बाकी

LAC पर अभी भी बाकी हैं टकराव के कई पॉइंट्स हैं. ये PP-14, PP-15, PP-17A हैं. यहां पर चीन से सहमति बननी बाकी है. गलवान, पैंगोंग के उत्तरी किनारे, कैलाश रेंज और गोगरा-हॉट स्प्रिंग एरिया में जो बफर जोन हैं, उन पर अभी सहमति बाकी है. बफर जोन यानी ऐसा इलाका जहां दोनों सेनाएं एक-दूसरे के आमने-सामने नहीं आ सकतीं. ये जोन विपक्षी सेनाओं को अलग करते हैं.

डिसएंगेजमेंट के बाद इन चार जगहों पर बफर जोन बनाए गए थे, जो 3 से 10 किलोमीटर तक के हैं. इनमें कोई पेट्रोलिंग नहीं कर सकता है. सूत्रों का कहना है कि बातचीत सही रास्ते पर है, इस वजह से इन इलाकों में भी बफर जोन को खत्म करके पेट्रोलिंग शुरू करने को लेकर भी बातचीत आगे बढ़ सकती है.

भारत चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में विवादित इलाकों को समझिए:

  • गालवान घाटी: यह क्षेत्र 2020 में भारत और चीन के बीच हिंसक टकराव का केंद्र था.
  • पैंगोंग त्सो: यह झील भारत और चीन के बीच विवादित है, खासकर इसके उत्तरी किनारे पर. फिंगर 4 और फिंगर 8. ये क्षेत्र पैंगोंग त्सो के उत्तरी किनारे पर स्थित हैं. यहां भारत और चीन के बीच आजतक सहमति नहीं बनी है .
  • गोग्रा-हॉट स्प्रिंग्स: यह क्षेत्र भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण पैट्रोलिंग प्वाइंट है.
  • गोगरा पोस्ट के पास का इलाका: भारत और चीन के बीच गोगरा पोस्ट के पास का इलाका विवादित है, जो कि पूर्वी लद्दाख गतिरोध का एक हिस्सा है. यह गतिरोध वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पश्चिमी क्षेत्र में चल रहा है, जिसका समाधान होना अभी बाकी है.
  • कैलाश रेंज- कैलाश रेंज भारत और चीन के बीच एक विवादित क्षेत्र है, जो तिब्बत की सीमा पर स्थित है. यहां पर दोनों देशों के बीच सीमा विवाद है, जिसके कारण कई बार टकराव हुए हैं. इस क्षेत्र में भारत का मानसरोवर झील और चीन का तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र है. दोनों देश इस क्षेत्र पर अपना दावा करते हैं.

ब्रिक्स समिट से पहले समझौता

LAC पर भारत और चीन के बीच पैट्रोलिंग समझौते रूस के कजान में आयोजित ब्रिक्स समिट से पहले हुआ. पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच 23 अक्टूबर को बैठक हुई थी. दोनों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर भारत-चीन के बीच हुए समझौते का समर्थन किया था.

दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्रों को फिर शुरू करने के निर्देश जारी किए थे, जो 2020 में भीषण सैन्य झड़प से प्रभावित संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयासों का संकेत था.

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