उत्तर भारत में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है। सुरक्षा और जलभराव की स्थिति को देखते हुए कई राज्यों और जिलों में स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। शिमला, चंडीगढ़, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा के झज्जर जिले और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 3 सितंबर 2025 को सभी स्कूल बंद रहेंगे। हालांकि, कुछ स्थानों पर यह आदेश स्थानीय स्तर पर लागू हो सकता है, इसलिए अभिभावक अपने विद्यालय से अवकाश की पुष्टि करें।
शिमला:
लगातार बारिश के कारण शिमला जिला प्रशासन ने 3 सितंबर को जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों को उपस्थित होने की अनुमति है, लेकिन कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी।
गाजियाबाद:
जिलाधिकारी ने कक्षा नर्सरी से 12वीं तक के सभी स्कूलों में 3 सितंबर को अवकाश घोषित किया है। प्रशासन ने बताया कि यह कदम छात्रों और स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
गौतमबुद्धनगर:
जनपद के सभी बोर्ड के स्कूल नर्सरी से 12वीं तक भारी वर्षा के कारण 3 सितंबर को बंद रहेंगे। बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल पंवार ने जिलाधिकारी के निर्देश के तहत अवकाश का आदेश जारी किया है।
उत्तराखंड:
चंपावत और चमोली जिलों में मौसम विभाग के अलर्ट के बाद कक्षा 12वीं तक के सभी सरकारी, गैर-सरकारी और निजी विद्यालयों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। साथ ही सभी आंगनबाड़ी केंद्र भी 3 सितंबर को अवकाश रहेंगे।
मेरठ:
जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) ने कक्षा नर्सरी से 8वीं तक के छात्रों के लिए सभी परिषदीय, राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय, सीबीएसई, आईसीएसई और मदरसा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में 3 सितंबर को छुट्टी का आदेश दिया है।
मथुरा:
मथुरा में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने और बाढ़ के कारण कक्षा 12वीं तक के सभी सरकारी, परिषदीय और निजी विद्यालय 3 और 4 सितंबर को बंद रहेंगे।
पंजाब:
राज्य के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त और निजी स्कूल 3 सितंबर तक बंद रहेंगे। पहले 25 अगस्त को अवकाश घोषित किया गया था, जिसे 30 अगस्त तक बढ़ाया गया और अब खराब मौसम के कारण इसे 3 सितंबर तक बढ़ा दिया गया।
झज्जर (हरियाणा):
भारी बारिश के चलते जिले में सभी सरकारी और निजी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को 3 सितंबर को बंद रखने का आदेश दिया गया है।
चंडीगढ़:
3 सितंबर को सभी स्कूलों को बंद रखने की घोषणा की गई है। गैर-शैक्षणिक कार्यों के लिए शिक्षकों को बुलाना प्रबंधन पर निर्भर रहेगा।
इन आदेशों का उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।