चुनाव आयोग (ईसी) के सूत्रों ने मंगलवार को कांग्रेस के उस आरोप को खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान मतदाता सूची के साथ छेड़छाड़ की गई थी।
आयोग के सूत्रों के मुताबिक, ‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक कुल 6,40,87,588 मतदाताओं ने मतदान किया। औसतन हर घंटे लगभग 58 लाख वोट डाले गए। अगर इसी औसत के अनुसार देखा जाए, तो आखिरी दो घंटों में लगभग 1 करोड़ 16 लाख (116 लाख) लोग वोट डाल सकते थे। इसलिए, दो घंटे में सिर्फ 65 लाख वोट पड़ना औसत के मुकाबले काफी कम है, और यह (कांग्रेस नेता) राहुल गांधी के आरोपों के विपरीत है।’
सूत्रों ने आगे कहा कि हर मतदान केंद्र पर मतदान की प्रक्रिया उम्मीदवारों या राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त पोलिंग एजेंटों की मौजूदगी में हुई। कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों या उनके अधिकृत एजेंटों ने मतदान के अगले दिन रिटर्निंग अधिकारी (आरओ) और चुनाव पर्यवेक्षकों के सामने किसी भी तरह के असामान्य मतदान को लेकर कोई शिकायत नहीं की। मतदाता सूची जन प्रतिनिधित्व कानून, 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के तहत तैयार की जाती है, महाराष्ट्र भी इसमें शामिल है। कानून के अनुसार, हर साल या चुनाव से ठीक पहले मतदाता सूची की एक विशेष समीक्षा की जाती है। इसके बाद अंतिम मतदाता सूची की एक प्रति (कॉपी) सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तर के दलों को दी जाती है, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है।
महाराष्ट्र चुनाव के दौरान जब अंतिम मतदाता सूची तैयार हुई, तो कुल 9,77,90,752 मतदाताओं के मुकाबले पहली अपील करने वाले अधिकारी (डीएम) के पास सिर्फ 89 अपीलें दर्ज की गईं और दूसरी अपील करने वाले अधिकारी (सीईओ) के पास केवल 1 अपील दर्ज हुई। चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि इससे साफ है कि कांग्रेस या किसी भी दूसरे दल की ओर से चुनाव से पहले कोई गंभीर आपत्ति नहीं उठाई गई।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि जब 1,00,427 मतदान केंद्रों के लिए मतदाता सूची को अपडेट किया गया, तो 97,325 बूथ-स्तरीय अधिकारी नियुक्त किए गए। साथ ही, सभी राजनीतिक दलों की ओर से 1,03,727 बूथ-स्तरीय एजेंट भी लगाए गए, जिसमें कांग्रेस के 27,099 एजेंट शामिल थे। इसलिए,महाराष्ट्र की मतदाता सूची को लेकर लगाए गए ये बेबुनियाद आरोप कानून के शासन का अपमान हैं।
चुनाव आयोग की यह प्रतिक्रिया राहुल गांधी के उस आरोप के बाद आई है, जो उन्होंने अमेरिका के बोस्टन शहर में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए लगाया था। राहुल गांधी ने कहा था कि भारत का चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं रहा है और यह भी कहा कि चुनावी व्यवस्था में कुछ बहुत गड़बड़ियां हैं।