चुनाव आयोग ने गुरुवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को विशेष गहन सुधार (SIR) के तहत मतदाता सूची को अंतिम रूप देने और चुनावों की तैयारियों को पूरी तरह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने बताया कि यह कदम मतदान सूची की सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय चुनाव अधिकारियों के सम्मेलन में आयोग ने एसआईआर तैयारियों की समीक्षा की। इसमें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पहले से जारी निर्देशों के आधार पर वर्तमान मतदाताओं की सूची को अंतिम SIR से मिलाने की प्रगति का आकलन किया गया। आयोग ने मतदाता सूची को समय पर अपडेट करने और त्रुटियों से मुक्त रखने पर विशेष जोर दिया।
व्यक्तिगत मार्गदर्शन और चर्चा
सम्मेलन में असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल सहित चुनाव की तैयारी कर रहे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ व्यक्तिगत रूप से चर्चा की गई। वरिष्ठ अधिकारियों ने एसआईआर प्रक्रिया पर विस्तृत प्रस्तुतियां दीं और चुनाव अधिकारियों द्वारा उठाए गए सभी सवालों का समाधान किया।
मुख्य उद्देश्य और महत्व
चुनाव आयोग ने बिहार में हाल ही में संपन्न SIR के अनुभव को देखते हुए इसे देशभर में लागू करने का निर्णय लिया। आयोग ने कहा कि एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूची में किसी भी त्रुटि को रोकना और सभी योग्य मतदाताओं को सही तरीके से सूची में शामिल करना है। आयोग के सदस्य ज्ञानेश कुमार ने बताया कि यह प्रक्रिया लोकतंत्र की मजबूती और चुनावी पारदर्शिता के लिए अहम है।
चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के चुनाव अधिकारियों को एसआईआर प्रक्रिया के लिए आवश्यक सभी कदम उठाने का निर्देश दिया। इससे मतदाता सूची अधिक भरोसेमंद और सटीक बनेगी। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए सभी स्तरों पर सतर्कता बरतना अनिवार्य है।