नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में चेतावनी जारी की है। डम्पा विधानसभा उपचुनाव के दौरान चुनाव प्रचार में दिए गए उनके बयान को आयोग ने आचार संहिता के अनुरूप न पाकर 'निंदनीय' करार दिया है।

सूत्रों के अनुसार, आयोग ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) की रिपोर्ट और सत्तारूढ़ जोरोम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) प्रमुख लललियानसावता द्वारा भेजे गए स्पष्टीकरण की समीक्षा की। जांच में पाया गया कि पार्टी का पक्ष पर्याप्त नहीं है और आचार संहिता के मानकों पर खरा नहीं उतरता।

आयोग ने जेडपीएम अध्यक्ष को निर्देश दिया है कि वे पार्टी के सभी स्टार प्रचारकों को नियमों के प्रति अधिक सतर्क करें और ऐसे किसी भी बयान से बचने की हिदायत दें, जिससे चुनाव में समान अवसरों के सिद्धांत को ठेस पहुंचे या मतदाता निर्वाचन प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाएं। आयोग ने कहा कि सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों, विशेषकर मंत्रियों को, अपने वक्तव्यों में संयम और सावधानी बरतनी चाहिए।

विपक्ष की शिकायतों ने बढ़ाया विवाद

मुख्य विपक्षी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने आयोग के समक्ष कई शिकायतें दर्ज कराई थीं। आरोप था कि मुख्यमंत्री ने 21 अक्टूबर को वेस्ट फायलेंग गांव में एक चुनावी सभा के दौरान 770 करोड़ रुपये की लागत से रेइक गांव में बांध निर्माण कर 15 गांवों को पेयजल उपलब्ध कराने की घोषणा की, जो आचार संहिता का उल्लंघन है।

विपक्ष ने मुख्यमंत्री के सलाहकार और विधायक डॉ. लॉरेन लालपेकलियाना चिनजाह पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने 17 अक्टूबर को पर्वतुई और फूलपुई वेस्ट गांवों में मुफ्त स्वास्थ्य शिविर लगाकर बड़ी मात्रा में दवाओं का वितरण किया। एमएनएफ की कानूनी समिति ने एक और शिकायत दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री पर भड़काऊ भाषण देने और सामुदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया।

नई शिकायत पर भी मांगा गया स्पष्टीकरण

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ललरोजामा ने जानकारी दी कि जेडपीएम से ताजा शिकायत को लेकर भी स्पष्टीकरण मांगा गया है और पूरा मामला विस्तृत रिपोर्ट के साथ चुनाव आयोग को भेजा जाएगा।

डम्पा विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान 11 नवंबर को होना है, जिससे पहले राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है।