चुनाव आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट को शुक्रवार को स्पष्ट किया कि अभिनेता विजय की राजनीतिक पार्टी तमिलागा वेट्री कजगम (टीवीके) अभी तक ‘मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल’ नहीं है। यह जानकारी मुख्य न्यायाधीश एम.एम. श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति जी. अरुल मुरुगन की पीठ के सामने दी गई।

यह मामला सी. सेल्वकुमार द्वारा दायर जनहित याचिका से जुड़ा है, जिसमें 27 सितंबर को करूर में टीवीके की रैली के दौरान हुई भगदड़ के बाद पार्टी की मान्यता समाप्त करने की मांग की गई थी। इस हादसे में 41 लोगों की मौत हुई थी।

हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि इस घटना से संबंधित सभी मामले, सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों को छोड़कर, प्रशासनिक पक्ष के माध्यम से एक विशेष पीठ के पास भेजे जाएं। चुनाव आयोग के वकील निरंजन राजगोपाल ने अदालत को बताया कि टीवीके अभी तक मान्यता प्राप्त पार्टी नहीं है, इसलिए इसकी मान्यता रद्द करने की याचिका का कोई औचित्य नहीं है।

मामले में सुप्रीम कोर्ट के सीबीआई जांच आदेश के तहत ही एफआईआर में बदलाव का फैसला होगा, हाईकोर्ट इस पर अलग आदेश नहीं देगा।

याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग से राज्य भर में राजनीतिक रैलियों और चुनाव प्रचार में महिलाओं और बच्चों के इस्तेमाल पर रोक लगाने और 5 फरवरी 2024 के दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से लिखित आश्वासन लेने और उल्लंघन की स्थिति में उनकी मान्यता रद्द करने का प्रस्ताव रखा है।

इसके अलावा याचिकाकर्ता ने टीवीके नेतृत्व टीम पर जिम्मेदारी तय करने, मृतकों के परिजनों को कम से कम 1 करोड़ रुपये और घायलों को अनुपातिक राहत देने की मांग भी रखी है।

हादसे की जांच अब सीबीआई कर रही है और हाईकोर्ट में भी कई याचिकाएं लंबित हैं। इस बीच, टीवीके की मान्यता को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती, क्योंकि पार्टी को अभी तक औपचारिक मान्यता नहीं मिली है।