राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष, चेयरपर्सन का चुनाव, कांग्रेस की कल होने वाली बैठक का ये है एजेंडा

लोकसभा चुनाव के नतीजों के ऐलान के बाद शनिवार शाम 5:30 बजे कांग्रेस संसदीय दल की बैठक संसद भवन में होगी. इस बैठक में कांग्रेस संसदीय दल (लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों) के चेयरपर्सन का भी चुनाव होगा, जो फिलहाल सोनिया गांधी हैं और दोबारा उनके ही चुना जाना तय है. तमाम सांसद राहुल गांधी को लोकसभा में कांग्रेस पार्टी का नेता बनाए जाने की पुरजोर मांग करेंगे.

कांग्रेस पार्टी के लोकसभा में नेता का पद मतलब नेता विपक्ष होगा यानी नए सांसद राहुल गांधी को नेता विपक्ष लोकसभा बनाए जाने की मांग करेंगे. हाथ उठाकर सोनिया के सामने इसकी मांग होगी.

कांग्रेस संविधान के मुताबिक, संसद के दोनों सदन में नेता नामित करने का अधिकार कांग्रेस संसदीय दल के चेयरपर्सन को होता है, जो इस वक्त सोनिया गांधी हैं.

शनिवार को उनका फिर से चुना जाना तय माना जा रहा है तो यह उन पर निर्भर करेगा कि वह वही इस बैठक में राहुल गांधी या किसी अन्य नेता के नाम का ऐलान नेता विरोधी दल लोकसभा के लिए करें या फिर बाद में प्रेस रिलीज के जरिए लोकसभा में पार्टी के नेता के नाम की घोषणा करें. तुरंत फैसला होने के आसार कम ही हैं.

शेयर मार्केट स्कैम पर जीपीसी की मांग

कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में हालिया चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को सराहा जाएगा. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को उसका श्रेय दिया जाएगा. साथ ही साथ इंडिया गठबंधन की भी तारीफ की जाएगी.

इसके अलावा संसद के अंदर और संसद के बाहर जनहित से जुड़े मुद्दों पर लड़ाई लड़े जाने का संकल्प लिया जाएगा. खासतौर से राहुल गांधी ने हाल ही में जो मुद्दा उठाया है. कथित शेयर मार्केट स्कैम का उस पर जेपीसी की मांग संबंधित प्रस्ताव भी पारित हो सकता है.

इसके अलावा जनहित से जुड़े अन्य मुद्दों पर संघर्ष जारी रखने का ऐलान भी होगा. प्रस्ताव में यह भी कहा जायेगा की मोदी को मैंडेट नहीं मिला है फिर भी वो सरकार बना रहे हैं. इंडिया गंठबंधन मजबूती से लड़ाई इसी तरह आगे लड़ेगा, जिसमें कांग्रेस सहयोगियों से बात करके जनता से जुड़े मुद्दों पर मिलकर सरकार से दो-दो हाथ करती रहेगी.

कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला किया तेज

इस बीच कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला तेज कर दिया है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले 10 सालों में एनडीए का इतनी बार जिक्र नहीं किया, जितना उन्होंने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बैठक में अपने एक घंटे के भाषण में किया. कांग्रेस ने एनडीए को “नीतीश-नायडू आश्रित गठबंधन” भी बताया है.

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि उनका भाषण इतना अजीब था कि वे अपनी शर्मिंदगी से बाहर नहीं निकल पा रहे थे. पहले वे दावा करते थे कि वे अकेले सबसे मजबूत हैं और मोदी की गारंटी की बात करते थे. अब एनडीए की गारंटी की बात हो रही है, लेकिन दोनों लोग (नीतीश और चंद्रबाबू नायडू) जानते हैं कि इस व्यक्ति की गारंटी पर कोई भरोसा नहीं करता, यहां तक ​​कि वे भी नहीं.

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