विशाखापट्टनम। देश की युवा शक्ति को राष्ट्रनिर्माण की दिशा में प्रेरित करने के उद्देश्य से आयोजित यंग लीडर्स फोरम में सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और कर्नल सोफिया कुरैशी ने युवाओं से देश की सुरक्षा और विकास में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। फोरम का मकसद युवाओं में राष्ट्रीय सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व की भावना को मजबूत करना था।

हर नागरिक राष्ट्ररक्षक है: कर्नल सोफिया कुरैशी

कर्नल कुरैशी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि “देश की रक्षा केवल सेना की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है।” उन्होंने याद किया कि जब उनका जन्म हुआ, तो उनकी मां ने कहा था— ‘तुम आजाद भारत में जन्मी हो,’ और हर युवा को इस आजादी का गौरव महसूस करना चाहिए।

कर्नल कुरैशी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इस मिशन ने युद्ध की परिभाषा बदल दी है। अब राष्ट्र की सुरक्षा केवल मोर्चे पर नहीं, बल्कि तकनीक, समाज और जागरूकता के स्तर पर भी लड़ी जाती है। उन्होंने कहा, “भारत आज मल्टी-डोमेन प्रिसिजन वॉरफेयर और तीनों सेनाओं के समन्वय का प्रतीक बन चुका है।”

उन्होंने युवाओं से कहा कि आधुनिक युद्ध सिर्फ बंकरों में नहीं, बल्कि “बाइट्स और बैंडविड्थ” के जरिये भी लड़े जा रहे हैं। “आप फायरपावर ही नहीं, फायरवॉल्स के योद्धा भी हैं,” उन्होंने जोश भरते हुए कहा।

युवाओं की भूमिका सबसे अहम: जनरल उपेन्द्र द्विवेदी

सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा कि यंग लीडर्स फोरम का आयोजन पहली बार एक प्री-इवेंट के रूप में किया गया है ताकि युवाओं तक ‘रिफॉर्म टू ट्रांसफॉर्म’ का संदेश पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा, “भारत के इतिहास में युवाओं की वीरता और समर्पण की अनगिनत मिसालें हैं। उम्र कभी योगदान की सीमा तय नहीं करती।”

उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में एनसीसी कैडेट्स, सिविल डिफेंस कर्मियों, ड्रोन विशेषज्ञों और सोशल मीडिया एक्टिविस्टों ने भी देश के लिए अहम भूमिका निभाई। “हमारे प्रशिक्षित और प्रतिबद्ध मानव संसाधन ही भारत की सबसे बड़ी ताकत हैं,” उन्होंने कहा।

नई चुनौतियों के बीच नए अवसर

सेना प्रमुख ने कहा कि भारत इस समय ढाई मोर्चों की चुनौती से जूझ रहा है— सीमाई तनाव, आतंकवाद, प्रॉक्सी वॉर और दुष्प्रचार जैसे खतरों से। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि “चुनौतियों के साथ अवसर भी असीमित हैं।”

उन्होंने युवाओं से तकनीकी, नैतिक और सामाजिक स्तर पर अपनी भूमिका निभाने का आह्वान किया। “हम वर्दी में हैं, लेकिन हमें आपकी जरूरत हर क्षेत्र में है— विशेषकर तकनीक और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में,” जनरल द्विवेदी ने कहा।