कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सेना का अपमान करने का आरोप लगाते हुए पूर्व सैन्यकर्मियों ने मेयो रोड पर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री से माफी की मांग की।

वहीं, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सेना के समर्थन में बयान देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का रवैया “टुकड़े-टुकड़े गैंग” जैसा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जवान क्यों भागेंगे, और कहा कि चीन और पाकिस्तान जैसी शक्तियां भी भारतीय सेना के सामने टिक नहीं पाती।

शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है जब ममता बनर्जी ने सेना का अपमान किया है। उन्होंने पूर्व घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि अवंतीपोरा में आतंकवादी हमले के बाद, मुख्यमंत्री ने सेना द्वारा किए गए अभियान के सबूत पर सवाल उठाए थे। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि एक बार मुख्यमंत्री ने प्रमुख पुलों पर वाहनों की गिनती करने वाली सेना की सर्वेक्षण प्रक्रिया को घुसपैठ बताकर विवाद खड़ा किया था।

घटना मेयो रोड पर तृणमूल कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के दौरान बढ़ गई, जहां सेना को बिना अनुमति के बने मंच को हटाना पड़ा। ममता बनर्जी मौके पर पहुंचीं और कहा कि सैनिक उनके आने पर चले गए और बीजेपी ने इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की किसी समस्या की जानकारी पहले दी जा सकती थी।

इस घटना के बाद राजनीतिक बहस तेज हो गई और मामला अदालत तक पहुंच गया। पूर्व सैनिकों ने आरोप लगाया कि प्रशासन और कोलकाता पुलिस उन्हें धरना देने की अनुमति नहीं दे रही है।