यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे जद (एस) के निलंबित सांसद प्रज्वल रेवन्ना की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब विदेश मंत्रालय (एमईए) ने प्रज्वल रेवन्ना को कारण बताओ नोटिस भेजा है और उनसे पूछा है कि उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द क्यों नहीं किया जाना चाहिए? कर्नाटक सरकार ने हाल में उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की मांग की थी. विदेश मंत्रालय के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि मंत्रालय प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने के कर्नाटक सरकार के अनुरोध पर कार्रवाई कर रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि यौन उत्पीड़न के आरोप सामने आने के बाद रेवन्ना राजनयिक पासपोर्ट पर जर्मनी फरार हो गया था.
अधिकारी का कहना है कि प्रज्वल रेवन्ना का पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इसी के तहत उसे विदेश मंत्रालय की ओर से कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. यह नोटिस विदेश मंत्रालय ने ईमेल के जरिए भेजा है. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना पर सामूहिक यौन शोषण के आरोप लगे थे. इसे लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ था. हालांकि बाद में हसन सांसद रेवन्ना ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने के एक दिन बाद ही 27 अप्रैल को भारत छोड़ दिया था.
सूत्रों का कहना है कि वह राजनयिक पासपोर्ट पर जर्मनी में हैं. हालांकि कर्नाटक सरकार द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए गठित एसआईटी की अपील पर इंटरपोल ने उसके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है, लेकिन अभी तक उसकी कोई जानकारी नहीं मिली है.’
राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया शुरू
सूत्रों का कहना है कि विदेश मंत्रालय पासपोर्ट अधिनियम 1967 के प्रावधानों के साथ-साथ प्रज्वल रेवन्ना के राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है. यदि पासपोर्ट रद्द हो जाता है, तो उसका विदेश में रहना अवैध होगा. इससे जिस देश में वह रह रहा है, वहां के संबंधित अधिकारियों द्वारा उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होंने प्रज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने के लिए “त्वरित एवं आवश्यक” कार्रवाई करने का आग्रह किया था.